कोरोनाकाल में मददगार बने शिक्षक - प्रेम आनंदकर



जान हथेली पर लेकर जनसेवा और जागरूकता में जुटे हुए हैं राजस्थान शिक्षक संघ (राधाकृष्णन्) व राधाकृष्णन शिक्षिका सेना के सदस्य

प्रेम आनन्दकर, अजमेर।



जब से कोरोना महामारी का दौर शुरू हुआ है, तब से पिछले एक साल में इंसान को बहुत सारे अच्छे-बुरे अनुभव मिले हैं। इस महामारी ने जहां ’’अपनों’’ को अपनों से दूर कर दिया है, वहीं पराए ’’अपने’’ बनकर मदद के लिए आगे आए हैं। हालांकि अनिवार्य सेवा से जुड़े सरकारी कर्मचारी और अधिकारी आमजन की हिफाजत के लिए एक साल से अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात एक कर रहे हैं, लेकिन मानव सेवा का जज्बा दिखाने में अनेक स्वयंसेवी, सामाजिक संस्थाएं तथा राज्य के विभिन्न शिक्षक संघ भी पीछे नहीं रहे हैं। दरअसल हम कोरोना से जूझने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को तो सराहते हैं, लेकिन उन संगठनों को या तो भूल जाते हैं या मीडिया में तवज्जो नहीं मिल पाती, जो जान हथेली पर लेकर मददगार बने हुए हैं। इनमें भी यदि राजस्थान शिक्षक संघ (राधाकृष्णन्) की बात करें, तो इस संगठन के सदस्य सरकारी दायित्व निभाने के साथ-साथ एक साल से कोरोना वाॅरियर्स के रूप में आमजन के बीच जुटे हुए हैं। इस संगठन ने लॉकडाउन के समय जरूरतमंद लोगों को भोजन सामग्री, दवाई, क्वारेंटाइन व आइसोलेट लोगों को भोजन पहुंचाया। विभिन्न स्थानों पर फंसे मजदूरों को यथायोग्य सहायता दी। जन जागरूकता अभियान के तहत पूरे राज्य में 10 हजार से अधिक फ्लेक्स, बैनर पेमप्लेट स्टीकर आदि तैयार कराकर विभिन्न स्थानों पर लगवाए। कोरोना से बचाव के उपाय बताने के लिए वाहनों पर स्टीकर चिपकाए। स्वयं के खर्चे से हजारों मास्क बांटे गए। वर्तमान कोरोनाकाल में भी यह संगठन सामाजिक सरोकार के कार्य कर रहा है। अपने शिक्षक साथियों को फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में कार्य करते रहने के लिए प्रेरित करने के साथ विभिन्न जिलों में शिक्षकों और उनके परिवार को आशावादी बनाए रखने, एक-दूसरे की मदद करने के लिए आगे आने जैसे प्रयास भी किए जा रहे हैं, ताकि इस संकटकाल में कोई हताश और निराश नहीं हो। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय सोनी व राधाकृष्णन शिक्षिका सेना की प्रदेश संयोजक श्रीमती सुनीता भाटी अपने साथियों के बीच निरंतर संपर्क बनाए रखते हुए मानव सेवा के कार्यों को आगे बढ़ा रही हैं। यह दोनों पदाधिकारी संगठन के सभी शिक्षकों को रोज रात को वाट्सअप पर मधुर आशावान गीत के साथ कोरोना से बचने के उपाय का ओडियो भेजकर निराशा से उबारने का काम भी कर रहे हैं। शिक्षक संघ राधाकृष्णन एवं राधाकृष्णन शिक्षिका सेना की ब्यावर जिला शाखा प्रदेश सभाध्यक्ष नारायण सिंह पंवार, जिला अध्यक्ष सुरेश चन्द फुलवारी एवं जिला संयोजक श्यामा जैन के नेतृत्व में 56 हजार 500 रुपए के उपकरण अस्पताल को दिए हैं। जिला मंत्री बलराज सिंह राठौड़ के अनुसार 15 आक्सीजन रेग्यूलेटर, 25 हाई फ्लो मास्क और 240 ऑक्सीजन मास्क, 10 एन 95 मास्क कोरोना मरीजों के लिए दिए। इसमें से ब्यावर के समता युवा संघ को 10 रेग्यूलेटर, 140 ऑक्सीजन मास्क, 15 हाई फ्लो मास्क और 10 एन 95 मास्क दिए। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहन सिंह चैहान, नगर मंत्री मुरली मनोहर जाटव, रूपाराम सीरवी, दीपशिखा जैन, दिलीप सिंह, प्रवीण बडोला आदि की मौजूदगी में ब्यावर के राजकीय अमृतकौर अस्पताल को 5 रेग्यूलेटर, 100 ऑक्सीजन मास्क, 10 हाई फ्लो मास्क दिए। यह उपकरण देने के लिए राशि शिक्षक संघ के सदस्यों और अन्य शिक्षकों से ही एकत्रित की गई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय सोनी का कहना है कि उनका संगठन मानव सेवा के लिए निरंतर प्रयासरत है। लेकिन उन्हें दुख इस बात का है कि सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलने के बाद भी सरकार शिक्षकों की परवाह नहीं करती है। अब जबकि प्रदेश में लाॅकडाउन चल रहा है, इसके बावजूद सैकड़ों शिक्षक शासन-प्रशासन के निर्देश पर क्वारेंटाइन सेंटर, अस्पताल, घरों में आइसोलेट लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार को डाॅक्टर्स, मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ की तरह शिक्षकों को भी फ्रंटलाइन का कोरोना वाॅरियर्स मानते हुए उनके हितों की रक्षा करनी चाहिए। उनका कहना है कि उनका संगठन व इसके सभी सदस्य शिक्षक इस महामारी के दौर में सरकार और आमजन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े हैं और हर संकट की घड़ी में साथ देंगे।



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