राजस्थान : मुख्यमंत्री गहलोत ने कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए लिए बड़े फैसले
माइक्रो कंटेनमेंट जोन में जीरो मोबिलिटी सुनिश्चित कर संक्रमण की चेन तोड़ें
10 नगरीय क्षेत्रों में रात्रिकालीन कफ्र्यू का समय बढ़ा
(जयपुर) कोरोना संक्रमण की रफ्तार को
रोकने के लिए राज्य सरकार ने 30
अप्रेल तक प्रदेश के 9 शहरी क्षेत्रों में
शाम 8 से सुबह 6 बजे तक तथा उदयपुर में शाम 6 बजे से नाइट कफ्र्यू लागू कर इसकी
कड़ाई से पालना तथा सभी जिलों में कंटेनमेंट जोन चिन्हित कर उनमें जीरो मोबिलिटी
सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही शहरी इलाकों से लगते ग्रामीण
क्षेत्रों में 9वीं कक्षा तक के स्कूलों में नियमित कक्षाओं का संचालन बंद रखने के
निर्देश भी जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता
में शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में ये निर्णय किए गए।
प्रदेश स्तर पर कोरोना स्टेट वॉररूम तथा सभी जिलों में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम
सहित 181 हेल्पलाइन को चौबीसों घंटे फिर से कार्यशील करने, संक्रमण की पांच
प्रतिशत से अधिक पॉजीटिविटी रेट वाले क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ाने, हैल्थ प्रोटोकॉल की
पालना के लिए एनसीसी, एनएसएस, स्कॉउट एण्ड गाइडस की वॉलन्टियर के रूप में सेवाएं लेने, कोविड प्रोटोकॉल के
उल्लंघन पर संयुक्त टीमों की कार्रवाई बढ़ाने तथा सीमावर्ती जिलों में राज्य के
बाहर से आने वाले व्यक्तियों की नेगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट के लिए बनाई गई
चेकपोस्टों को अधिक सुदृढ़ करने जैसे कडे़ कदम उठाए गए हैं।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
ने जिला कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि संक्रमण की चेन तोड़ने के
लिए माइक्रो कंटेनमेंट जोन में जीरो मोबिलिटी, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग तथा होम आइसोलेशन
की पालना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार बीते कुछ
दिनों में तेजी से बढ़ी है और हम संक्रमण की पहली लहर के सर्वोच्च स्तर को पीछे छोड़
चुके हैं। इसे देखते हुए जमीनी स्तर पर कोविड प्रोटोकॉल तथा एसओपी के उल्लंघन को
सख्त उपायों से रोका जाना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना
हॉट-स्पॉट बन रहे क्षेत्रों की पहचान कर इनको नियमानुसार माइक्रो कंटेनमेंट जोन
घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऎसे क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को रोकने पर
विशेष फोकस करना होगा। इसमें स्थानीय स्वायत्त शासन और सार्वजनिक निर्माण सहित
अन्य विभागों की मदद ली जाए। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल की पालना में सख्ती
के साथ-साथ समझाइश पर भी जोर दें और अधिकारियों का आम लोगों के साथ व्यवहार संयत
हो। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में जनसहयोग आवश्यक है।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा
कि पिछले कुछ दिनों में देश के साथ-साथ राजस्थान प्रदेश में भी संक्रमितों की
संख्या में तेजी से हुए इजाफे का बड़ा कारण लोगों में कोविड अनुशासन के प्रति
लापरवाही बरतना है। उन्होंने इस ढिलाई को रोकने के लिए एक बार फिर समाज के सभी
वर्गाें का सहयोग लेने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के समय अलवर, जयपुर तथा भीलवाड़ा में जिस प्रभावी
तरीके से कंटेनमेंट किया गया था। अब दूसरी लहर के दौरान भी अधिकारियों को उसी
गम्भीरता से काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर कोरोना
गाइडलाइन की पालना को सुनिश्चित करें।
प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार ने कोरोना
की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों
की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़, डूंगरपुर, जयपुर, जोधपुर, कोटा एवं आबूरोड की
नगरीय सीमा में रात्रि 8 बजे से प्रातः 6
बजे तक रात्रिकालीन कफ्र्यू रहेगा।
इसके लिए बाजार एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान रात्रि 7 बजे बंद कर दिए जाएंगे। उदयपुर में
बाजार एवं प्रतिष्ठान शाम 5 बजे बंद होंगे।
उन्होंने बताया कि माइक्रो कंटेनमेंट
जोन में धारा-144 के तहत शून्य मोबिलिटी सुनिश्चित की जाएगी। सभी नगरीय क्षेत्रों
में पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक के साथ-साथ भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों
में मास्क पहनने और सामाजिक दूरी की पालना कराई जाएगी।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ
महाजन ने बताया की सेम्पलिंग को बढ़ाकर प्रतिदिन 55 हजार तक कर दिया गया है। इस महीने के
अंत तक 1 लाख तक करने का लक्ष्य है। उन्होंने ऑक्सीजन की उपलब्धता, कोविड केयर
अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं,
दवाओं, टीकाकरण, भर्ती रोगियों की
संख्या तथा संक्रमण रोकने के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. राजाबाबू पंवार, डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ. वीरेन्द्र सिंह
सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण की स्थिति पर
गम्भीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर अपेक्षाकृत तेज गति से बढ़ रही
है और युवा आबादी भी संक्रमित हो रही है। उन्होंने बताया कि कोविड अनुशासन, अधिक टेस्टिंग और
टीकाकरण पर जोर देकर स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
बैठक के दौरान विभिन्न जिला कलेक्टरों, पुलिस कमिश्नर और
पुलिस अधीक्षकों ने कोविड नियंत्रण की स्थिति और किए जा रहे उपायों से अवगत कराया।
वीडियो कॉन्फेंस के दौरान संभागीय आयुक्त, रेंज आईजी और सीएमएचओ भी उपस्थित रहे।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग,
पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख सचिव वित्त अखिल
अरोरा, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, आयुक्त परिवहन महेन्द्र
सोनी, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी वीरेन्द्र सिंह, निदेशक स्थानीय
निकाय दीपक नंदी सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
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