केन्दीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड टीकाकरण अभियान एवं अप्रैल 2021 की तैयारियों की करी समीक्षा



राज्यों में वैक्सीन (टीके) की कोई कमी नहीं; केंद्र राज्यों को निरंतर आपूर्ति करता रहेगा

टीके (वैक्सीन) की बर्बादी को 01  प्रतिशत से कम रखने की आवश्यकता पर फिर बल दिया गया

 केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव राजेश भूषण और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं कोविड टीकाकरण (वैक्सीनेशन) पर प्राधिकृत समूह के अध्यक्ष डॉ. आर. एस. शर्मा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य मिशन निदेशकों तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य रोग प्रतिरक्षण अधिकारीयों के साथ एक बैठक की है। इस बैठक में देशभर में कोविड टीकाकरण (वैक्सीनेशन) की नवीनतम स्थिति, गति, इससे जुड़े मुद्दों के साथ ही  आने वाले महीने अर्थात अप्रैल 2021 के लिए तैयारियों की समीक्षा की गई क्योंकि तब इस कार्यक्रम को 45 वर्ष की आयु से अधिक के सभी व्यक्तियों के लिए विस्तारित किया जाएगा। इस बैठक का एक अन्य मुख्य विषय विशेष रूप से उन जिलों में कम टीकाकरण करवाने वाले उन क्षेत्रों की पहचान करना और इसके लिए सुधारात्मक कदम उठाना था जहां कोविड के नए रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि हो रही है ।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने यहाँ सभी स्वास्थ्य देखरेख कर्मियों (एचसीडब्ल्यू)और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं (एफएलडब्ल्यू) को टीकाकरण के दायरे में लाने के लिए निम्नलिखित परामर्श दिए गए:

1. यह सुनिश्चित किया जाए कि एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्ल्यू की श्रेणी में केवल पात्र लाभार्थियों का ही पंजीकरण और टीकाकरण हो।

2.  कोविन – CoW।N  प्लेटफ़ॉर्म पर लेखेजोखे की त्रुटियाँ/ दोहरी प्रविष्टियाँ।

3. सुधारात्मक उपायों के लिए कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों – स्वास्थ्य सुविधाओं/पेशेवर सहयोग/विकास खंडों, जिलों इत्यादि की पहचान करें।

4. प्राथमिकता के आधार पर इन समूहों का सम्पूर्ण रूप से टीकाकरण हो।

निजी क्षेत्र के कोविड  टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी) को इस प्रक्रिया में शामिल करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया कि वे:

1. निजी क्षेत्र के कोविड  टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी) की क्षमता  उपयोग के लिए इन केन्द्रों पर किए जा रहे टीकाकरण (वैक्सीनेशन) की नियमित समीक्षा करें।

2. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अतिरिक्त टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी) की आवश्यकता का पता लगाने के लिए ऐसे केन्द्रों का जीआईएस विश्लेषण करें।

3.  टीकों (वैक्सीन) की आपूर्ति, दिशा निर्देशों के बारे में निजी क्षेत्र के टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी ) की आशंकाओं का समाधान करने के लिए अपनी ओर से पहल करें।

टीकों (वैक्सीन) के भंडारण पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि:

1. भंडारण के किसी भी स्तर पर टीकों में तलछट (सेडीमेंटेशन) न जमे।

2.शीतगृह श्रृंखला केन्द्रों (कोल्ड स्टोरेज चेन्स) और कोविड टीकाकरण केन्द्रों में आवश्यकता से अधिक भंडारण अथवा स्टॉक की कमी से बचने के लिए खपत के आधार पर वितरण किया जाए।

3. कमी एवं अंतर वाले क्षेत्रों का पता लगाने और समस्या के समाधान के लिए वैक्सीन के भंडारण और खपत की नियमित रूप से समीक्षा की जाए।

केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी परामर्श दिया कि:

1. वैक्सीन (टीके) के अपव्यय (बर्बादी) क के स्तर को 01  प्रतिशत से कम रखा जाए (इस समय अपव्यय-बर्बादी का राष्ट्रीय स्तर 06 प्रतिशत है)।

2. सभी स्तरों पर बर्बादी को न्यूनतम स्तर पर रोकने के लिए टीकों के अपव्यय की नियमित रूप से समीक्षा करें।

3. बिना प्रयोग  हुए वैक्सीन की उपयोगिता तिथि की समाप्ति से बचने के लिए उपलब्ध भंडारों के समय पर उपयोग कर लिए जाने को सुनिश्चित करें।

4. कोविन-CoW।N और ईविन-eV।N  पोर्टलों पर वैक्सीन की खपत के आंकड़ों को नियमित एवं निश्चित  समय पर अद्यतन करना सुनिश्चित करें।

डॉ. आर. एस. शर्मा ने आश्वस्त किया कि टीकों (वैक्सीन) के भंडारण और प्रबन्धन नीतियों में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने फिर से जोर देकर कहा कि टीके की दूसरी डोज के लिए इन टीकों को बचाकर रखने का कोई महत्व नहीं है और सरकारों को जहां से भी इन टीकों के लिए मांग हो ऐसे सभी सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों को तत्काल इनकी आपूर्ति करनी होगी।

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