राजस्थान : आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों का हुआ शुभारंभ



राज्यपाल कलराज मिश्र ने आजादी आंदोलन को याद करते किया उद्घाटन

‘आजादी@75‘ तथा खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन

(जयपुर) राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को जवाहर कला केंद्र में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो द्वारा आयोजित चित्र प्रदर्शनी ‘आजादी@75’ और राजस्थान के कला संस्कृति विभाग द्वारा खादी ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से आयोजित ‘खादी चरखा प्रदर्शनी’ का उद्घाटन किया।


  प्रर्दशनी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हमारे गौरव का गान है। उन्होंने देश को आजाद कराने वाले स्वाधीनता सेनानियों का स्मरण करते हुए कहा कि यह महोत्सव देश को आजाद कराने के उनके संकल्पों का जन उत्सव है। 


मिश्र ने प्रदर्शनी में 1857 की क्रान्ति से लेकर 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्ति तक की महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित जानकारियों एवं चित्रों का अवलोकन करते हुए एक साथ आजादी के संघर्ष की संजोयी चित्र गौरवगाथा की सराहना की। उन्होंनेराष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान एवं उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं पर आधारित विशेष पैनोरमा ‘आजादी के महानायक‘ का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की आजादी को नेतृत्व प्रदान करने वाले इन महान व्यक्तित्वों का स्मरण ही मन में अनूठा जोश जगाता है।


राज्यपाल मिश्र ने कहा कि अमृत महोत्सव के तहत भारतीय आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए देश भर में 75 स्थानों पर कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से आज इन आयोजनों का शुभारंभ किया है। इसी कड़ी में देशभर में इस तरह की प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रारम्भ से लेकर स्वतंत्रता प्राप्ति तक के इतिहास तथा स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान के बारे में आमजन को अवगत कराने का सुरूचिपूर्ण प्रयास किया गया है। राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन में अपने-अपने ढंग से योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों का भावपूर्ण स्मरण भी किया।

 

मिश्र ने ‘खादी चरखा प्रदर्शनी’ का अवलोकन करते हुए कहा कि स्वदेशी के माध्यम से देश में आजादी के लिए जो प्रयास किए गए थे, उन्हें महात्मा गांधी के अवदान के आलोक में बेहद सुंदर ढंग से राज्य सरकार के कला संस्कृति विभाग ने जवाहर कला केन्द्र में संजोया है। उन्होनें खादी और चरखे के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के विचार में आज भी यह प्रासंगिक प्रतीत होता है। उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा स्वदेशी आंदोलन के तहत देशभर में जनजागरूकता के लिए किए गए प्रयासों को प्रदर्शनी के माध्यम से व्यक्त करने की पहल की सराहना भी की। 


इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य, कला एवं संस्कृति सचिव मुग्धा सिन्हा सहित अधिकारीगण तथा आमजन उपस्थित थे।

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