आज है राजस्थान दिवस, जानिए आज के दिन का इतिहास और महत्व



राजस्थानियों के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज राजस्थान प्रदेश अपना स्थापना दिवस मना रहा है, जिसे राजस्थान दिवस और राजस्थान स्थापना दिवस के न से भी जाना जाता है। 

राजस्थान की राजधानी जयपुर है।

राजस्थान राज्य का गठन 30 मार्च, 1949 को हुआ था। राजस्थान दो शब्दों 'राज' और 'स्थान' से बना है, जिसका अर्थ है 'राजाओ का स्थान'।

इतिहास

राजस्थान ऐतिहासिक तौर पर काफी महत्व रखता है। यहां समय-समय पर चौहान, मेवाड़, गहलोत वंश का शासन रहा है. मेवाड़, मारवाड़, जयपुर, बूंदी, कोटा, भरतपुर और अलवर राज्य की प्रमुख रियासतें हुआ करती थीं। इन सभी रियासतों ने ब्रिटिश शासन की अधीनता स्वीकार कर ली। राजाओं ने अपने लिए रियायतें प्राप्त कर कर ली, लेकिन लोगों में असंतोष व्याप्त था। 1857 के विद्रोह के बाद, लोगों ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एकजुट होकर स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। आजादी के बाद जब रियासतों का विलय होने लगा तब बीकानेर, जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर जैसी बड़ी रियासतों ने मिलकर ग्रेटर राजस्थान बनाया। उस समय अजमेर, आबू रोड़ तालुका और सुनल टप्पा की रियासतें भी राजस्थान में विलीन हो गईं। 

महत्व

राजस्थान की संस्कृति इस राज्य के शानदार रंगीन इतिहास को दर्शाती है, इसलिए इसे राजाओं की भूमि या राजपूतों का देश के नाम से भी जाना जाता है। यह राज्य आज भी अपनी प्राचीन संस्कृति, स्वादिष्ट व्यंजनों, सुंदर नृत्यों और संगीत से जीवंत है। यही वजह है कि यह राज्य सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। राजस्थान के लगभग सभी प्रमुख शहरों का संबंध किसी न किसी विशिष्ट रंग से संबंधित है। जैसे जयपुर का गुलाबी रंग, उदयपुर का सफेद, जोधपुर का नीला रंग और झालावाड़ का बैंगनी रंग। इन स्थानों पर लगभग सभी विशेष स्मारकों और स्थानों को विशेष रंगों से रंगा गया है।

प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को राजस्थान दिवस की शुभकामनाएं






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