ब्यावर में सीवरेज कार्य के दौरान खोदी गई सड़कों की मरम्मत के लिए नगरपालिका द्वारा टेण्डर जारी

 


(अजमेर, ब्यावर) स्वायत्त शासन मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि ब्यावर में सीवरेज कार्य के दौरान खोदी गई सड़कों की मरम्मत के लिए नगरपालिका द्वारा टेण्डर जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि एग्रीमेंट के तहत संवेदक द्वारा उतनी ही चौडाई की सड़क की मरम्मत की जाती है, जितनी सीवरेज लाइन के लिए खोदी गई थी। उन्होंने बताया कि शेष सड़क की मरम्मत का कार्य करने की जिम्मेदारी नगर परिषद या नगरपालिका की होती है। 

 

धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि ब्यावर में सीवर लाइन के लिए सड़क के बीचों-बीच खुदाई करने से मलबे के कारण दोनों तरफ की सड़क भी टूट-फूट गई है। नगर परिषद द्वारा शीघ्र ही सड़क की मरम्मत करवाई जाएगी। 

उन्होंने बताया कि सीवर लाइन डालने के प्रोजेक्ट अधिकतर आरयूआईडीपी के माध्यम से करवाये जाते हैं। आरयूआईडीपी द्वारा यह प्रोजेक्ट्स एडीबी में जाते हैं। एडीबी से मंजूर होने के बाद उन्हीं की शर्तों के अनुसार कार्य किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तरह की योजनाएं शुरू करने से पहले ही उस क्षेत्र की स्थानीय निकाय से मरम्मत के कार्य के लिए स्वीकृति ले ली जाती है। 

 

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुये कहा कि विभाग को एग्रीमेंट के समय यह प्रोविजन डालना चाहिए कि सड़क की मरम्मत संवेदक द्वारा ही की जाए ताकि सीवरेज के काम में राज्य सरकार द्वारा जो राशि खर्च होती है, उसका पूरा सदुपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि नगरपालिका के पास पैसे की कमी के कारण सड़क मरम्मत का काम नहीं हो पाता और आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 

डॉ. जोशी ने यह भी कहा कि सीवरेज के कार्य में जेसीबी से खुदाई के कारण आस-पास की सड़क भी क्षतिग्रस्त हो जाती है। आम जन को आवागमन में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए विभाग को इंटीग्रेटेड एप्रोच के साथ निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि वल्र्ड बैंक के प्रोजेक्ट्स में बैंक की शर्ते नहीं मानने पर योजना के क्रियान्वयन में थोड़ी देरी जरूर हुई, लेकिन अंततः उन्हें सरकार की शर्ते माननी पड़ी। 

 

इससे पहले विधायक शंकर सिंह रावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में धारीवाल ने बताया कि ब्यावर शहर में सीवरेज समस्या से निजात दिलाने हेतु केवल अमृत योजना के अन्तर्गत राशि रूपये 138.92 करोड का स्वीकृत था। इसका टेण्डर 13  अक्टूबर 2016 को जारी किया गया था। 

 

उन्होंने बताया कि निर्माता कम्पनी द्वारा ब्यावर शहर की सडकों को पूरी तरह नहीं खोदा गया है। इस परियोजना के तहत शहर के लगभग 55 प्रतिशत क्षेत्र में ही 119.52 किमी सीवरेज लाईन डाली गई है। जिसमें 82.00 किमी पक्की एवं 37.52 किमी. कच्ची सडक को खोदकर सीवर लाईन, मैन हॉल, घरेलू सीवर कनेक्शन का कार्य किया गया है। इन समस्त स्थानों पर सीवरेज लाईन हेतु खोदी गई सडकों की मरम्मत का कार्य उनकी पूर्व की स्थिति अनुसार करवा दिया गया है। 

 

धारीवाल ने बताया कि राजकीय अमृतकौर जिला चिकित्सालय की मुख्य सड़क को सीवरेज निर्माण कम्पनी द्वारा टेण्डर के प्रावधान अनुसार जितनी चौडाई की सीवरेज लाइन खोदी गई थीउसका रिपेयर कार्य करवा दिया गया है। परन्तु सीवरेज लाईन के दोनाें तरफ की क्षतिग्रस्त सडक को सही करवाने के लिए नगर परिषद ब्यावर द्वारा 04  फरवरी 2021 को निविदा आमंत्रित की जा चुकी हैनिविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त इस सडक को बनवाया जा सकेगा।

 

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