भारतीय वायुसेना ने ग्‍लोबल चीफ्स ऑफ एयर स्‍टॉफ सम्‍मेलन का किया आयोजन



 भारतीय वायुसेना ने 3 और 4 फरवरी, 2021 को दो दिवसीय ग्लोऔबल चीफ्स ऑफ एयर स्टॉंफ सम्मेयलन की मेजबानी की। एयरो इंडिया 2021 के दूसरे और तीसरे दिन का विषय था ‘सुरक्षा और स्थिरता के लिए एयरोस्पेीस की शक्ति का लाभ उठाना’। इस सम्मेसलन का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 3 फरवरी, 2021 को किया था। अपने उद्घाटन सम्मेनलन में रक्षा मंत्री ने कहा कि सीएएस सम्मे लन दुनिया भर की वायु सेनाओं के प्रमुखों और वरिष्ठ  गणमान्ये व्य क्तियों को एक मंच पर लाया है और यह एयरोइंडिया के एक हिस्सेि के रूप में शानदार आयोजन है। इस सम्मेकलन में मुख्यह रूप से एयर पावर और संबंधित प्रौद्योगि‍कियों पर ध्यायन केन्द्रित किया गया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉेफ जनरल बिपिन रावत की उद्घाटन सत्र में गरिमामयी उपस्थिति रही।

सभी अतिथियों का स्वाीगत करते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने भागीदारी करने वाली वायु सेनाओं के बीच विचारों के आदान-प्रदान और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने में इस सम्मेवलन के महत्व  को रेखांकित किया। उन्होंबने इस क्षेत्र में शान्ति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्ववपूर्ण सक्षमकर्ता के रूप में एयर पावर की भूमिका को दोहराया।

यह सम्मेयलन कोविड-19 महामारी के कारण लागू किए गए प्रतिबंधों का निवारण करते हुए हाईब्रिड प्रारूप में आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 50 देशों ने भाग लिया। 3 और 4 फरवरी के बीच इस सम्मेआलन में 28 देशों की वायुसेनाओं के प्रमुख/ कमांडर शामिल हुए। इस सम्मे लन को एयरोस्पेमस क्षेत्र में समकालीन प्रासंगिकता के विषयों पर श्रेष्ठक प्रक्रियाओं और विचारों के आदान-प्रदान के लिए आयोजित किया गया था। इस सम्मेगलन में अमेरिका, यूरोप, मिडिल ईस्ट , पश्चिम एशिया, मध्य। एशियाई गणराज्य , दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका, हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद प्रशांत की वायु सेनाओं के साथ महाद्वीप के देशों ने भागीदारी की।

सीएएस सम्मेेलन के तीन सत्रों ने एयरोस्पे स रणनीति युद्ध स्थनल पर प्रभाव डालने वाली उभरती हुई प्रौद्योगि‍कियों और ग्लो बल कॉमन्स  की स्थिरता एवं सुरक्षा से संबंधित महत्वणपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक मंच उपलब्धय कराया।

इन सत्रों में विघटनकारी प्रौद्योगि‍कियों और नवाचारों, एशिया प्रशांत क्षेत्र में एयर पावर और एयर पावर एवं एयरोस्पेपस रणनीति जैसे विषयों को संबोधित करने की योजना बनाई गई थी। 

सीएएस ने सभी वायुसेना प्रमुखों तथा इस आयोजन में भाग ले रहे नामांकित देश, प्रतिनिधियों और शिष्ट मंडलों का इस सम्मेइलन के दौरान बहुमूल्या योगदान देने के लिए धन्ययवाद दिया। उन्हों्ने कहा कि इस सम्मेमलन से प्राप्तह जानकारी वायु सेनाओं के बीच समझ और सहयोग को बढ़ाने में समर्थ बनाएंगी और बहुपक्षीय क्षमताओं को बढ़ाने में भी मदद करेगी।

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