गोवा शहरी स्थानीय निकाय सुधार पूरे करने वाला छठा राज्य बना



गोवा शहरी स्थानीय निकाय सुधार पूरे करने वाला छठा राज्य बन गया है

राज्य को 223 करोड़ रुपए की अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति मिली


 शहरी स्थानीय निकाय सुधार करने वाले छह राज्यों को अभी तक 10,435 करोड़ रुपए की अतिरिक्त ऋण अनुमति दी गई है।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला गोवा देश का छठा राज्य बन गया है। इस प्रकार गोवा खुली बाजार उधारी के माध्यम से 223 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने का हकदार हो गया है। व्यय विभाग ने इसके लिए अनुमति जारी कर दी थी।


गोवा यूएलबी सुधार पूरा करने वाले पांच अन्य राज्यों – आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, मणिपुर, राजस्थान और तेलंगाना के साथ शामिल हो गया है। ये सुधार पूरा करने के बाद इन पांच राज्यों को 10,435 करोड़ रुपए की अतिरिक्त ऋण अनुमति प्रदान की गई है। अनुमति दिए गए अतिरिक्त ऋण की राज्यवार राशि इस प्रकार है-

क्रम संख्या.

राज्य

राशि (करोड़ रुपए में)

1.

आंध्र प्रदेश

2,525

2.

गोवा

223

3.

मध्य प्रदेश

2,373

4.

मणिपुर

75

5.

राजस्थान

2,731

6.

तेलंगाना

2,508


यूएलबी और शहरी उपयोगिता सुधारों का उद्देश्य राज्यों में यूएलबी को वित्तीय रूप से मजबूत बनाना और नागरिकों को बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य और साफ-सफाई सेवाएं उपलब्ध कराने में समर्थ बनाना है। आर्थिक रूप से मजबूत यूएलबी बेहतर नागरिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में भी सक्षम होंगे।


इन उद्देश्यों को अर्जित करने के लिए व्यय विभाग द्वारा सुधारों का सेट निर्धारित किया गया है-


1. राज्य यह अधिसूचित करेगा-


ए. यूएलबी में संपत्ति कर की मजिल दरें जो मौजूदा सर्किल दरों (अर्थात् संपत्ति लेन-देन के लिए दिशा-निर्देश दरें) के अनुरूप हों।


बी. जलापूर्ति, जल निकासी और सीवरेज के प्रावधान के संदर्भ में उपयोगकर्ता प्रभारों की मंजिल दरें जो मौजूदा लागत/पिछली मुद्रास्फीति को दर्शाती हों।


2. राज्य मूल्य वृद्धि के अनुरूप संपत्ति कर की मंजिल दरों/उपयोगकर्ता प्रभारों की समय-समय पर बढ़ोतरी करने की एक प्रणाली स्थापित करेगा।


कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की ऋण सीमा उनकी जीएसडीपी की दो प्रतिशत बढ़ा दी थी। इस विशेष छूट का आधा यानि जीएसडीपी का एक प्रतिशत राज्यों द्वारा नागरिक केंद्रित सुधारों को पूरा करने से संबंधित था। व्यय विभाग द्वारा पहचान किए गए चार नागरिक केंद्रित क्षेत्रों के लिए सुधार इस प्रकार हैं-


ए. एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड प्रणाली,


बी. व्यापार को आसान बनाने का सुधार.


सी. शहरी स्थानीय निकाय/उपयोगिता सुधार


डी. विद्युत क्षेत्र सुधार।


अभी तक 17 राज्य़ों ने इन चार निर्धारित सुधारों में से कम से कम एक को पूरा किया है और उन्हें सुधार से जुड़ी ऋण अनुमति प्रदान की गई है। इनमें से 13 राज्यों ने एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड प्रणाली, 12 राज्यों ने कारोबार को आसान बनाने का सुधार, छह राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार और दो राज्यों ने विद्युत क्षेत्र सुधारों को पूरा किया है। अभी तक इन राज्यों को सुधार से जुड़ी कुल 76,512 करोड़ रुपए की अतिरिक्त ऋण अनुमति प्रदान की गई है।

------------------------------------------------------------------------------

AYN NEWS

Facebook

https://www.facebook.com/AYN-News-950074058504387/

You Tube

https://www.youtube.com/channel/UCX8IErM_LGOPipin5XRgBuQ

Twitter

https://twitter.com/aynnewsindia

Web Page

https://aawasyog.page

Gmail

aynnewsindia@gmail.com

Mo : 7737956786

------------------------------------------------------------------------------

Comments