शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) सुधारों को पूर्ण करने वाला राजस्थान बना पांचवा राज्य



2,731 करोड़ रुपए की अतिरिक्त उधारी की अनुमति मिली

यूएलबी सुधार लागू करने वाले पांच राज्यों को अबतक 10,212 करोड़ रुपए की अतिरिक्त उधारी अनुमति प्रदान की गई

   राजस्थान शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) सुधारों को सफलतापूर्वक लागू करने वाला देश का पांचवा राज्य बन गया है। यह सुधार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही राजस्थान सुधारों से संबद्ध अतिरिक्त उधारी हासिल करने का पात्र हो गया है। इसके अनुसार व्यय विभाग द्वारा राज्य को खुले बाजार से उधारी द्वारा 2,731 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है।

राजस्थान के अलावा चार अन्य राज्यों आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, मणिपुर और तेलंगाना में भी इससे पहले शहरी स्थानीय निकाय सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इन सुधारों को लागू करने करने पर इन पांच राज्यों को 10,212 करोड़ रुपए की अतिरिक्त उधारीकी अनुमति प्रदान की गई है। अतिरिक्त उधारी की अनुमति की राज्यवार राशि निम्न प्रकार से है :

 

कमांड राज्य राशि करोड़ रुपए में

1      आंध्र प्रदेश                           2,525

2     मध्य प्रदेश                           2,373

3      मणिपुर                                    75

4     राजस्थान                          2731

5     तेलंगाना                                 2,508

 

शहरी स्थानीय निकायों और शहरी सुविधाओं में सुधार का लक्ष्य राज्यों में शहरी स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से सुदृढ़ तथा नागरिकों को बेहतर जन स्वास्थ्य और स्वच्छता सेवाएं उपलब्ध करने में समर्थ बनाना है। आर्थिक रूप से मजबूत शहरी स्थानीय निकाय अच्छी नागरिक अवसंरचना का निर्माण करने में भी समर्थ होंगे।

इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए व्यय विभाग द्वारा निर्धारित सुधार हैं  -:

i. राज्य अधिसूचित करेंगे-:

शहरी स्थानीय निकायों में संपत्ति कर की आधार दरें जो कि मौजूदा सर्कल रेट (संपत्ति के लेनदेन के लिए मार्गदर्शी ) के सुसंगत हो, और

जलापूर्ति, निकासी, सीवरेज के प्रावधान से संबंधित उपयोगिता शुल्कों की आधार दरें जो वर्तमान लागत/पिछली मुद्रा स्फीति को परिलक्षित करती हों

 

ii. राज्य संपत्ति कर/उपयोगिता शुल्कों की आधार दरों में मूल्य वृद्धि के अनुरूप समय-समय पर वृद्धि के लिए एक प्रणाली स्थापित करेंगे।

 

इसके अलावा कोविड-19 महामारी की वजह से संसाधन जुटाने की चुनौती को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई को राज्यों के लिए उधारी लेने की सीमा में भी बढ़ोतरी कर दी है। इसके तहत राज्य अपने सकल घरेलू उत्पाद के 2 प्रतिशत के बराबर उधारी ले सकेंगे। इसमें आधी पूंजी जुटाने की सुविधा राज्य द्वारा नागरिकों की सुविधा के लिए उठाए गए सुधारों से जुड़ी होगी। राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद की 0.25 प्रतिशत की राशि जुटाने की अनुमति प्रत्येक क्षेत्र में सुधारों को पूरा करने पर मिलेगी।

सुधारों के लिए तय चार नागरिक केंद्रित क्षेत्र इस प्रकार हैं -

1. इसके तहत एक राष्ट्र एक राशन कार्ड व्यवस्था लागू करना

2. कारोबार में आसानी से जुड़े सुधार

3. शहरी स्थानीय निकाय/उपयोगिता सुविधाओं में सुधार

4. ऊर्जा क्षेत्र में सुधार

 

अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों के एक भाग को जुटाने को सुधारों के साथ संबंध करने से चार नागरिक केंद्रित सुविधाओं के क्षेत्र में राज्यों द्वारा किए जाने वाले सुधारों को गति मिली है। अब तक 11 राज्यों ने एक देश एक राशन कार्ड व्यवस्था को लागू किया है। आठ राज्यों ने कारोबार को आसान बनाने के सुधारों को अपनाया है। पांच राज्यों ने स्थानीय निकायों के सुधार किए हैं और एक राज्य ने ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों को पूरा किया है। सुधारों को लागू करने वाले राज्यों को अब तक सुधारों से जुड़ी अतिरिक्त उधारी की कुल 65,493 करोड़ रुपए की राशि की अनुमति दी गई है।

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