एवियन इन्फ्लूएंजा को लेकर विभाग पूरी तरह सतर्क, मुर्गीपालकों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं


 

जोधपुर से भिजवाये गये पक्षियों के नमूनों में एवियन इन्फ्लूएंजा रोग की पुष्टि नहीं हुई

    राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राजस्थान राज्य में एवियन इन्फ्लूएंजा को लेकर विभाग पूरी तरह सतर्क है और निगरानी बनाए हुए है। राज्य के मुर्गीपालकों को चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि जोधपुर से भिजवाये गये पक्षियों के नमूनों में एवियन इन्फ्लूएंजा रोग की पुष्टि नहीं हुई है। कटारिया मंगलवार को यहां पंत कृषि भवन में अधिकारियों के साथ राज्य में एवियन इन्फ्लूएंजा से हुई कौओं की मौत के दृष्टिगत मुर्गीपालन व्यवसाय की सुरक्षा को लेकर विभागीय स्तर पर एहतियात के तौर पर की गई तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।

 

पशुपालन मंत्री ने बताया कि राज्य में अभी तक करीब 600 पक्षियों के मरने की सूचना मिली है। रोग निदान के लिए लगभग 100 सैम्पल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल भिजवाए गए हैं। झालावाड़, कोटा एवं बारां जिलों से मृत कौओं के भेजे गए सेम्पल में एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5) वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। जोधपुर जिले से भेजे गए सेम्पल्स में इस वायरस का संक्रमण नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि भोपाल की तर्ज पर राज्य में क्षेत्रीय प्रयोगशाला की स्थापना के प्रयास किये जायेंगे। इसके लिए शीघ्र ही प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भिजवाये जायेंगे।

 

कटारिया ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पक्षियों के मरने की सूचना मिलने पर तुरंत मौके पर पहुंचे और सेम्पल लेकर जांच के लिए भिजवाएं। शवों को जलाकर वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करें। वन विभाग के साथ समन्वय कर बीमार पक्षियों को उपचार के लिए विशेष देखरेख में रखें।

 

पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा ने बताया कि राज्य में एवियन इन्फ्लूएंजा को लेकर विभाग पूरी तरह सतर्क और सजग है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति का मौका मुआयना कर व्यापक इंतजाम करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है। इस संबंध में राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिला कलक्टर्स तथा पोल्ट्री एसोसिएशन को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि मुर्गीपालकों को वर्तमान में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। मुर्गियों एवं अंडों की बिक्री पर कोई रोक नहीं है।

 

उन्होंने बताया कि राज्य में क्षेत्रीय प्रयोगशाला की स्थापना के संबंध में भारत सरकार के संयुक्त सचिव से वार्ता की गई है, जिस पर उनके द्वारा सकारात्मक रूख अपनाते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। 

 

पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषि मलिक ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्र में स्थानों को चिन्हि्त कर मृत पक्षियों के शवों का वैज्ञानिक रूप से निस्तारण किया जा रहा है। बीमार पक्षियों को उपचार के लिए पशुपालन विभाग एवं वन विभाग की विशेष देखरेख में रखा जा रहा है। मुर्गी पालकों में किसी प्रकार की चिंता व्याप्त नहीं हो इसके लिए पोल्ट्री एसोसियशन के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फेसिंग के जरिये संवाद स्थापित करने के भी निर्देश दिये गये है। बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक वीरेन्द्र सिंह, नेशनल एग कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रतिनिधि सहित विभागीय उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

 

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