राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ली कोविड 19 वैक्सीनेशन की समीक्षा बैठक



कोरोना से जीत के लिए हैल्थ वर्कर्स का जल्द शत-प्रतिशत टीकाकरण जरूरी 

रविवार से 350 साइट्स पर होगा वैक्सीनेशन


    मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्यकर्मी उत्साह के साथ स्वयं आगे आकर कोरोना की वैक्सीन लगवा रहे हैं। टीकाकरण के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले राजस्थान आगे है और अब तक वैक्सीनेशन पूरी तरह सुरक्षित रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किए गए विस्तृत मूल्यांकन में राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जो टीकाकरण के सभी मानकों पर बेहतर प्रदर्शन के कारण ग्रीन कैटेगरी में है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश में वैक्सीनेशन साइट्स की संख्या बढ़ाकर प्रथम चरण का टीकाकरण जल्द से जल्द पूरा किया जाए।


गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फे्रंस के माध्यम से टीकाकरण अभियान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने रविवार से वैक्सीनेशन साइट्स की संख्या 167 से बढ़ाकर 350 करने और आवश्यकता के अनुरूप इनकी संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हैल्थ वर्कर्स के जल्द टीकाकरण के लिए सप्ताह में टीकाकरण दिवस की संख्या बढ़ाएं। साथ ही, निजी अस्पतालों में भी साइट्स की संख्या बढ़ाई जा सकती है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों की राय के अनुसार कोरोना का खतरा पूरी तरह टला नहीं है। ऎसे में हमारे हैल्थ वर्कर्स का शत-प्रतिशत टीकाकरण जल्द से जल्द होना जरूरी है ताकि भविष्य में कोरोना की नयी लहर आए तो वे पूरी सुरक्षा एवं आत्मविश्वास के साथ प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा कर सकें। साथ ही, हम अगले चरणों के टीकाकरण के लिए भी तैयार हो सकें। 

 

अभियान को गति देने के लिए हो व्यवस्थाओं का विकेन्द्रीकरण


गहलोत ने कहा कि देश में करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऎसे में, केन्द्र सरकार को इस अभियान को गति देने के लिए इसकी व्यवस्थाओं तथा प्रबंधन का अधिक विकेन्द्रीकरण करना चाहिए ताकि राज्य अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप टीकाकरण के लक्ष्य को जल्द हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि कोविन सॉफ्टवेयर में तकनीकी बाधाओं के कारण टीकाकरण के लक्ष्य की प्राप्ति में कठिनाई अनुभव की जा रही है। केन्द्र सरकार इसमें भी आवश्यक तकनीकी सुधार करे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में किसी तरह की भ्रांति न रहे। इसके लिए लोगों को मीडिया का सहयोग लेकर निरन्तर जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग जीतने के लिए वैक्सीन की एक-एक बूंद कीमती है। वैक्सीनेशन सेन्टर्स पर प्रबंधन इस प्रकार से हो कि हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत से तैयार वैक्सीन का अधिकतम सदुपयोग हो सके। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में अब तक टीकाकरण से कोई गंभीर या असामान्य दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है। इसलिए लोग पूरे विश्वास के साथ टीकाकरण करवाएं और किसी भी तरह की भ्रांति से बचें। 


अनुमत 10 प्रतिशत मात्रा के विरूद्ध प्रदेश में मात्र 3.40 प्रतिशत ही वेस्टेज


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि भारत सरकार की गाइडलाइन में विभिन्न कारणों से वैक्सीन की 90 प्रतिशत मात्रा के उपयोग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है लेकिन राजस्थान में अभी तक 96.59 प्रतिशत वैक्सीन का उपयोग किया है। प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज प्रतिशत मात्र 3.40 रहा है। हम इसे और कम करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रथम तीन दिन में 501 सेशन साइट््स पर 32379 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया है। यह राष्ट्रीय औसत से करीब 9 प्रतिशत अधिक है। 

 

डब्ल्यूएचओ के सभी मानकों पर राजस्थान ग्रीन कैटेगरी में


विश्व स्वास्थ्य संगठन के राजस्थान प्रमुख डॉ. राकेश ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में टीकाकरण की 67 प्रतिशत साइट्स का निरीक्षण किया गया है। इसमें स्टेट स्टीयरिंग कमेटी, स्टेट एवं डिस्टि्रक्ट टास्क फोर्स की बैठक, निजी संस्थानों का आमुखीकरण, वैक्सीनेशन टीम और मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षण सहित अन्य मानकों पर राजस्थान की परफोरमेंस अन्य राज्यों से काफी बेहतर रही है। राजस्थान सभी मानकों पर ग्रीन कैटेगरी में रहने वाला राज्य है।


आरयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. वीरेन्द्र सिंह, डॉ. अशोक अग्रवाल, डॉ. रमन शर्मा, डॉ. रामबाबू शर्मा सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने टीकाकरण के संबंध में अनुभव साझा करने के साथ ही अभियान को सफल बनाने के लिए सुझाव दिए।


बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

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