हर गलती कीमत मांगती है, तो चुकानी पड़ेगी - प्रेम आनंदकर
हर गलती कीमत मांगती है, तो चुकानी पड़ेगी
राजस्थान और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने जो गलती की, उसे अब भुगतना पड़ रहा है
प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
हो सकता है कि मेरा यह ब्लॉग कांग्रेसियों के गले नहीं उतरे। लेकिन यह भी तय है कि विधानसभा चुनावों में जो फसल कांग्रेस ने बोई थी, वह उसे अब काटनी पड़ रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ही यह पुराना जुमला रहा है, "हर गलती कीमत मांगती है।" अब यही कांग्रेस के साथ हो रहा है। मध्यप्रदेश में तो उसने अपनी गलती की कीमत चुका दी, अब राजस्थान में भी ऐसा ही कुछ होने के आसार नजर आ रहे हैं। इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की बहुत ही नाजुक स्थिति को मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में सचिन पायलट ने संभाला था। इन दोनों नेताओं ने अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत बनाने के लिए धुआंधार बेटिंग की थी। विधानसभा चुनावों में भले ही कांग्रेस आला कमान ने इन दोनों नेताओं को मुख्यमंत्री के चेहरों के रूप में पेश नहीं किया था, लेकिन जनता ने दोनों को इसी रूप में देखा और कांग्रेस फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए तैयार हो गई। इसमें सिंधिया और पायलट के अथक प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने भुला दिया। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में सचिन पायलट को सत्ता की कमान सौंपी जानी चाहिए थी, किंतु ऐसा नहीं किया। मध्यप्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में गहलोत को कमान सौंपी गई। बस यहीं से दोनों राज्यों में कांग्रेस की दुर्गति होना शुरू हो गई। मध्यप्रदेश में सिंधिया द्वारा कांग्रेस को अलविदा कहने के साथ ही कमलनाथ की सरकार चली गई और अब राजस्थान में पायलट की बगावत कांग्रेस सरकार के लिए खासी मुसीबत बन गई है। अंतर केवल इतना ही है कि सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी थी, तो पायलट कांग्रेस में ही रहकर लड़ाई लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। मेरा मानना है कि यदि कांग्रेस नेतृत्व मध्यप्रदेश में सिंधिया और राजस्थान में पायलट को सत्ता की कमान सौंपता, तो हो सकता है कि इन दोनों राज्यों में आज यह स्थिति पैदा नहीं होती। बल्कि यह दोनों युवा ना केवल अपने विजन से दोनों राज्यों को विकास में कहीं ज्यादा आगे ले जाते, बल्कि पूरे पांच साल तक बिना किसी परेशानी के कांग्रेस की सरकारें चलतीं। इन दोनों के पास अच्छा विजन है और अपने राज्यों को आगे ले जाने का जज्बा भी है।
प्रेम आनन्दकर
अजमेर, राजस्थान।
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