टिड्डी दलों के सफाये के लिए लगी टीमों ने रातभर किया संघर्ष, टिड्डियों का किया सफाया
अजमेर, राजस्थान
अजमेर जिले में तेज हवा के साथ आए टिड्डी दलों के सफाये के लिए लगी टीमों ने रातभर संघर्ष के बाद टिड्डियों का सफाया कर दिया। इसमें विभिन्न टीमों के साथ ही ग्रामीणों व आमजन का भी सहयोग रहा।
जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि अजमेर जिले में तेज हवा के साथ टिड्डी दलों ने प्रवेश किया। सीमावर्ती नागौर जिले से एक दल रुपनगढ व दूसरे दल ने कडै़ल की तरफ से अजमेर जिले में प्रवेश किया। इसी प्रकार अचानक एक बडे दल ने आंधी के साथ राजसंमद जिले से ब्यावर शहर में प्रवेश किया। जिले में एक टिड्डी दल ने नागोलाव व सरसडी, दूसरे टिड्डी दल ने अंराई, मोतीपुरा, खेडानोदंपुरा तथा तीसरे दल ने ब्यावर शहर के पास देलवाडा में पड़ाव डाला।
उन्होंने बताया कि टिड्डी नियंत्रण मे लगे समस्त कार्मिकों एवं अधिकारियों को अलर्ट करके 3 टीमों का गठन किया गया। कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा के नेतृत्व में एक दल ने सहायक निदेशक कैलाश चंद मेघवंशी के नेतृत्व में नागोलाव व सरसडी में टिड्डीयों का सफाया किया। इसी प्रकार दूसरे दल को अंराई, मोतीपुरा, खेडानोदंपुरा व तीसरे दल को ब्यावर शहर, देलवाडा में टिड्डी नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई।
उन्होंने बताया कि 4 बडी फायर ब्रिगेड, 24 टे्रक्टर माउंटेड स्प्रेयर, 5 पानी के टेंकर, टिड्डी चेतावनी संगठन के 2 वाहन, 25-30 विस्तार कार्मिको द्वारा 1210 हैक्टयर का सर्वे कर 458 हैक्टयर क्षैत्र में 183 लीटर कीटनाशी द्वारा टिड्डी नियंत्रण किया गया। टिड्डी दल छितराया हुआ होने एवं पडाव देलवाडा, शहरी व आबादी क्षैत्र में होने से दलों द्वारा टिड्डी नियंत्रण के लिए अतिरिक्त कार्य किया गया।
कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा ने बताया कि टिड्डी दलो को खेतो में बैठने से रोकने एवं उडाने हेतु पीपे, डिब्बे, थाली अथवा प्लास्टिक बोतलो को बजाकर तथा शोर मचाकर, सफेद कपडा हिलाकर फसल अवशेष जलाकर धुआ करके फसलो का बचाव किया जा सकता हैं। इससे पूर्व जिले की 12 तहसील के 39 गावों में कुल 39 ऑपरेशन चलाये गये जिसमें 189 टै्रक्टर माउंटेड स्प्रेयर, 44 फायर बिग्रेड, 37 वाटर टेंक, 40 टिड्डी चेतावनी संगठन के वाहन तैनात कर 3339.50 हैक्टयर क्षैत्रफल में 1903.80 लीटर कीटनाशी का उपयोग करते हुये टिड्डी नियंत्रण कार्य किया गया।
इस अवसर पर तहसीलदार ब्यावर रमेशचन्द्र, तहसीलदार अंराई शीला चौधरी सहायक निदेशक ब्यावर वी.के. छाजेड़, सहायक निदेशक केकडी मदन लाल रेडिया, कृषि अधिकारी मुकेश माली, दिनेश झा, सतीश चौहान व कृषि अनुसंधान अधिकारी सतोष तंवर, सहायक कृषि अधिकारी घनश्याम जोशी व क्षेत्र के सहायक अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक तथा स्थानीय ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग रहा। सरपंच बलाड़ सुनीता बाना, सरपंच दिलवाडा जसोदा देवी, सरपंच कालानाड़ देवकरण द्वारा विभाग के प्रयासो की सरहाना की गई।
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