कृषि विभाग ने चलाया टिड्डी नियंत्रण का महाअभियान
अजमेर, राजस्थान
जिले में एक साथ दो टिड्डी दलों प्रवेश करने पर फसलों के बचाव के लिए कृषि विभाग के द्वारा महाअभियान चलाकर नियंत्रित किया गया।
कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा ने बताया कि जिले में सोमवार को सीमावर्ती पाली जिले से दो टिड्डी दलो ने प्रवेश किया। एक दल नून्द्रीमेहतान ब्यावर से गुजरने के पश्चात् दो भागों में बट गया। एक भाग ने सतावडिया, जालखेडा, सथालिया में तथा दूसरे भाग ने राताकोट में रात्रि पडाव डाला। दूसरे दल ने करनोस, नागोलाव, जेठाना, ब्रिक्चियावास होते हुए निजामपुरा, तिलाना, रसुलपुरा व मुण्डोती, डोरिया में पड़ाव डाला।
उन्होंने बताया कि जिले की 4 तहसीलो के 9 गांवो में 3 सहायक निदेशक, 5 कृषि अधिकारी के निर्देशन में टिड्डी नियंत्रित दल गठित कर टिड्डी नियंत्रण का महाअभियान चलाया गया। इस अभियान में एक छोटी व 6 बडी फायर ब्रिगेड, 38 टे्रक्टर माउंटेड स्प्रेयर, 8 पानी के टेंकर, टिड्डी चेतावनी संगठन के 3 वाहनों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान 40 से 45 विस्तार कार्मिको द्वारा 1475 हैक्टयर का सर्वे कर 685 हैक्टयर क्षेत्र में 470.80 लीटर कीटनाशी द्वारा टिड्डी नियंत्रण किया गया।
उन्होंने बताया कि भिनाय व मसूदा तहसील में कपास की फसल होने से कृषको के माथे पर चिंता की लकीरे थी। उनके द्वारा पीपे, थाली, ढोल बजाकर टिड्डी दल को भगाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने रात्रि के समय विभाग की टीम साथ मिलकर टिड्डी नियंत्रण में सहयोग दिया। मसूदा विधायक राकेश पारीक ने राताकोट, सतावडिया आदि क्षेत्रो में किये गये टिड्डी नियंत्रण कार्यो का निरीक्षण किया। कृषि विभाग द्वारा सम्पूर्ण रात्रि को चलाए जा रहे टिड्डी नियंत्रण अभियान की प्रंशसा की। विभाग के कार्मिको की हौसला अफजाई की। कीटनाशी छिडकाव से प्रभावित एवं मृत टिड्डीयो को देखा। सतावडिया में दुर्गम पहाडियो पर टिड्डी के पडाव को देखते हुए उन्होने हवाई छिडकाव कराने की बात कही।
उन्होंने बताया कि सतावडिया, सथालिया में बडी संख्या में टिड्डीयो ने पहाडियो पर स्थित बबूल, कीकर आदि पेड़ो पर पडाव डाल रखा था। इसको नियंत्रित करने में दल को कठिनाई हुई। फायर ब्रिगेड की पहुंच टिड्डी दल तक नहीं हो पा रही थी। विभाग के अधिकारियों ने अभिनव प्रयास कर पहाड़ों एवं ऊचें पेडो पर बैठी टिड्डीयो को मारने के लिए पहाडी की तलहटी में टे्रक्टर माउंटेड स्प्रेयर खडा कराकर स्प्रेयर नोजल एवं नलकी को 5-7 ग्रामीणो की सहायता से पहाडी की चोटी पर ले जाकर ऊपर से छिडकाव किया गया। इस प्रकार टिड्डी दल पर नियंत्रण पाया जा सका।
उन्होंने बताया कि नागौर जिले से रुपनगढ क्षेत्र में टिड्डी के बडे दल के प्रवेश की संभावना है। इस कारण कृषको से आह्वान किया जाता है कि सामूहिक रुप से टिड्डी नियंत्रण में योगदान दें जिससे खरीफ की फसलों को बचाया जा सके। टिड्डी नियंत्रण के लिये क्लोरपायरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. 1200 एम.एल. अथवा डेल्टामेथ्रीन 2.8 ई.सी. 480 एम.एल. अथवा लेम्बडासायहेलाथ्रिन 5 प्रतिशत ई.सी. 400 एम.एल. प्रति हैक्टयर की दर से छिडकाव किया जा सकता हैं।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी नसीराबाद राकेश गुप्ता, तहसीलदार बुद्विप्रकाश, उपखण्ड अधिकारी मसूदा मोहनलाल खटवालिया, तहसीलदार प्रभात त्रिपाठी मौके पर मौजूद रहे। कृषि विभाग के सहायक निदेशक अजमेर कैलाश चन्द मेघवंशी, सहायक निदेशक ब्यावर वी.के. छाजेड़, सहायक निदेशक केकडी मदन लाल रेडिया, कृषि अधिकारी मुकेश माली, दिनेश झा, सतीश चौहान, कृषि अनुसंधान अधिकारी सतोष तंवर, क्षेत्र के सहायक अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक तथा स्थानीय ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग रहा। सरपंच तिलाना, सरपंच निजामपुरा, सरपंच राताकोट, सरपंच सतावडिया द्वारा विभाग के प्रयासो की सहराना की गई।
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