दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बाहरी लोगों की एंट्री बैन


दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार से बाहरी लोगों के लिए बॉर्डर तो खोल दिए लेकिन दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बाहरी लोगों की एंट्री बैन कर दी है। केजरीवाल ने कहा कि उनकी कैबिनेट का फैसला है कि दिल्ली के अस्पतालों पर पहला हक दिल्ली में रहने वाले लोगों का है। कोरोना काल में अगर बाहरी लोगों को न रोका गया तो दिल्ली के अस्पतालों में बेड्स का अकाल पड़ जाएगा।



उन्होंने कहा है कि यह बैन कुछ समय के लिए है। कोरोना पर जीत हासिल करने के बाद फिर से पुरानी स्थिति बहाल कर दिया जाएगा। हालांकि केजरीवाल ने रविवार को बड़ी राहत दी है। केजरीवाल सरकार ने सोमवार से दिल्ली से जुड़ी सभी सीमाओं को फिर से खोलने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से जुड़ी सीमाएं लोगों की आवाजाही के लिए खोली जाएंगी।



दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि जून के आखिर तक दिल्ली में 15 हजार बेड की जरूरत हो सकती है। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही इलाज हो सकेगा, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में देशभर के लोग एडमिट किए जा सकेंगे।


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