मनरेगा ने सुधारी आर्थिक रफ्तार

अजमेर, राजस्थान 


सवा लाख को मिला रोजगार


मात्र 30 दिनों में 1749 से सवा लाख हो गए जिले के श्रमिक



     राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए किए जा रहे प्रयासों में महात्मा गांधी नरेगा योजना एक महत्वपूर्ण कड़ी बन गई है। मनरेगा के तहत महज एक महीने में जिले के ग्रामीण क्षेत्राें में सवा लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।


     जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों के तहत अर्थव्यवस्था के गति देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा योजना पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है। जिले में सिर्फ एक महीने में श्रमिकों की संख्या 1749 से बढाकर 125101 कर दी गई है। ग्रामीणों को मांगते ही रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है।


     जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजेन्द्र सिंह राठौड ने बताया कि वर्तमान में जिले की  320 में से 282 ग्राम पंचायतों में 2376 काम जारी है। इन कामों पर एक लाख 25 हजार 101 व्यक्ति रोजगार प्राप्त कर रहे है। एक माह पूर्व 16 अप्रेल को जिले में मात्र 54 ग्राम पंचायतों में एक हजार 750 श्रमिक कार्यरत थे। इससे जरूरतमंद व्यक्ति को अपने निवास के पास ही रोजगार मिल रहा है।



     उन्होंने बताया कि पंचायत समिति अंराई की 22 ग्राम पंचायतों में 178 कार्याे पर 11 हजार 69, भिनाय की 23 ग्राम पंचायतों में 191 कार्यो पर 17 हजार 565, जवाजा की 37 ग्राम पंचायतों में 218 कार्यो पर 10 हजार 612, केकड़ी की 31 ग्राम पंचायतों में 477 कार्यो पर 11 हजार 543, मसूदा की 33 ग्राम पंचायतों में 189 कार्यो पर 17 हजार 361, पीसांगन की 44 ग्राम पंचायतों में 337 ग्राम पंचायतों पर 19 हजार 664, सरवाड़ की 20 ग्राम पंचायतों में 357 कार्यो पर 10 हजार 779, श्रीनगर की 41 ग्राम पंचायतों में 246 कार्यो पर 12 हजार 465 तथा सिलोरा की 31 ग्राम पंचायतों में 183 कार्यों पर 14 हजार 63 श्रमिक लगे हुए है।


सोशल डिस्टेंसिंग का रखा पूरा ध्यान


     जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि इन कामों पर राज्य सरकार के निर्देशाें के अनुसार मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाईजेशन, छाया पानी एवं चिकित्सा आदि उपायों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सभी विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ग्रामीणों को मांगते ही रोजगार उपलब्ध करवाया जाए तथा नियमों की पूरी पालना सुनिश्चित की जाए।


 


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