माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ तरुण पाटनी को मेडिकल कॉलेज में लगाने के आदेश विलोपित, यथावत केएनएसटीडीसी में करते रहेंगे कार्य  

अजमेर, राजस्थान 



रिपोर्ट - मासूम अली 


माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ तरुण पाटनी को मेडिकल कॉलेज में लगाने के आदेश विलोपित


यथावत केएनएसटीडीसी में करते रहेंगे कार्य



राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने दिनांक 04 मई को एक आदेश जारी कर प्रदेश के 31 माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉक्टर्स की सेवाएं प्रदेश के ही चिकित्सा शिक्षा विभाग को सौपी थी l  



उक्त आदेशानुसार कमला नेहरु प्रादेशीय क्षय प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण केंद्र अजमेर में कार्यरत माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ तरुण पाटनी को जे एल एन मेडिकल कॉलेज अजमेर में लगाया गया था परन्तु उक्त आदेशो को कल (18.5.20) को प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन उप सचिव संजय कुमार ने विलोपित कर दिया जिसके फलस्वरूप अब माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ तरुण पाटनी केएनएसटीडीसी में ही कार्य करते रहेंगे l



प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ पाटनी केएनएसटीडीसी की टीबी कल्चर लैब का कार्य पिछले कई वर्षो से संभाले हुए है, इसी लैब में प्रदेश के 12-15 जिलो के गंभीर टीबी रोगियों के बलगम की कल्चर जांच की जाती है व इसी के साथ साथ केएनएसटीडीसी देश के टीबी रीजनल स्टोर के रूप में भी कार्य करता है तथा केएनएसटीडीसी में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण भी दिए जाते है जिसका भी समस्त कार्य डॉ पाटनी द्वारा ही सम्पादित किया जाता है l ऐसे में अब अगर डॉ पाटनी को केएनएसटीडीसी से हटाकर किसी अन्य संस्थान में लगाया जाता तो संस्थान की प्रयोगशाला, रीजनल स्टोर व प्रशिक्षण का कार्य प्रभावित होने की प्रबल संभावना थी जिसका सीधा असर प्रदेश के 12-15 जिलो के मरीजों पर पड़ता l



इसे डॉ पाटनी की कार्य के प्रति लगन, मेहनत व समर्पण भाव ही कहा जाएगा की केएनएसटीडीसी की आई.आर.एल टीबी कल्चर लैब आज वर्तमान में राष्ट्रिय स्तर की लैब व रीजनल स्टोर है l       


गौरतलब है की डॉ तरुण पाटनी एक मेहनती व समर्पित टीबी वारियर है जो पूर्ण निष्ठा व इमानदारी के साथ पिछले कई वर्षो से केएनएसटीडीसी में अपना कार्य सम्पादित कर रहे है l        



उक्त सभी बातो को ध्यान में रखते हुए जैसे ही विभाग के उच्च अधिकारीयों को पता चला उन्होंने तुरंत प्रभाव से डॉ तरुण पाटनी के केएनएसटीडीसी से जे एल एन मेडिकल कॉलेज में लगाने के आदेश को विलोपित कर दिया l अब डॉ तरुण पाटनी पूर्व भी भाँती केएनएसटीडीसी में ही कार्य करेंगे l 


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