लॉकडाउन में डिस्कॉम ने बचाए 10 करोड रूपए, नहीं आएगी किसी भी तरह के उपकरणों की कमी
अजमेर, राजस्थान
पिछले सवा साल से लगातार विभिन्न नवाचारों से बचत कर आर्थिक सेहत सुधारने में लगे अजमेर विद्युत वितरण निगम ने इस साल लॉकडाउन के समय का सदुपयोग कर 10 करोड़ रूपए से ज्यादा की बचत की है। निगम ने एक विशेष अभियान चलाकर 11 जिलों के विभिन्न कार्यालयों में अनुपयोगी पडा सामान स्टोर में जमा करवाया है। निगम को आगामी कुछ महीनों तक उपकरणों की किसी तरह की कमी नहीं आएगी।
डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक वी.एस. भाटी ने बताया कि लॉकडाउन पीरियड में निगम प्रशासन ने यह तय किया कि 11 जिलों में निगम के विभिन्न कार्यालयों में जितने भी अतिरिक्त उपकरण अनुपयोगी पड़े है उन सब को इकटठा करवाया जाए ताकि उन्हें दूसरे कार्यालयों में उपयोग में लिया जा सके। इसके लिए निगम द्वारा एक सप्ताह का विशेष अभियान चलाया गया है।
भाटी ने बताया कि निगम द्वारा चलाए गए अभियान में 33 केवी लाईनों से जुड़े सामान, पिन इन्सुलेटर, डिस्क इन्सुलेटर, पिन, कंडक्टर, ड्रम, 11 केवी लाईनों का सामान, डीटी आदि को जमा करवाया गया है। इस सामान की कीमत करीब 10 करोड रूपए है। निगम के यह उपकरण विभिन्न कार्यालयों में अनुपयोगी पड़े थे। अब इन्हें अन्य कार्यालयों में जलदाय, कृषि एवं घरेलू कनेक्शन तथा अन्य कार्याें में उपयोग में लिया जा सकेगा। साथ ही निगम को नई खरीद भी नहीं करनी पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि निगम ने सभी 204 उपखण्डों से अतिरिक्त लाईन एवं सबस्टेशन मेटेरियल, संबंधित वृत भण्डार में जमा करवाया है। अभियान के तहत अजमेर जिला वृत्त में 28.61 लाख, अजमेर शहर में 17.06 लाख, भीलवाडा में 29.92 लाख, बांसावाडा में 21.70 लाख, चित्तौडगढ में 124.29 लाख, डूंगरपुर में 69.37 लाख, नागौर में 55.84 लाख, मकराना स्टोर में 66 लाख, राजसमंद में 53.50 लाख, सीकर में 200.59 लाख, झुंझनु में 183.08 लाख, प्रतापगढ में 43.71 लाख एवं उदयपुर में 75.79 लाख की सामग्री जमा की गई।
गौरतलब है कि पिछले साल भी अजमेर विद्युत वितरण निगम ने विभिन्न नवाचारों के तहत लगातार अभियान चलाकर 60 करोड़ रूपए से ज्यादा की बचत की थी। निगम ने ट्रांसफार्मर की रिपयेरिंग, गारंटी पीरियड के मीटर जमा कराने तथा कबाड़ में पड़ा सामान नीलाम करने आदि से यह बचत की थी। निगम के इन नवाचारों को सभी जगह सराहा गया था। निगम में अनेक स्तरों पर खर्चाें में कटौती की जा रही है एवं संसाधनों का बेहतर उपयोग कर वित्तीय बचत की जा रही है।
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