कृषि विभाग टिड्डी चेतावनी संगठन के साथ समन्वय कर प्रभावी टिड्डी प्रबंधन एवं नियंत्रण करें
जयपुर/अजमेर, राजस्थान
टिड्डी चेतावनी संगठन को 40 गाड़ियां उपलब्ध कराई, 600 ट्रेक्टर किराए पर लेने की स्वीकृति जारी
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) के साथ समन्वय कर प्रभावी टिड्डी प्रबंधन एवं नियंत्रण करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए काश्तकारों का भी पूरा सहयोग लेेने को कहा। कटारिया सोमवार को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय अधिकारियों के साथ राज्य में टिड्डी की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
कृषि मंत्री ने बताया कि फसलों को बचाने के लिए समय रहते टिड्डी पर नियंत्रण जरूरी है। इसके लिए राज्य सरकार हरसंभव संसाधन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने टिड्डी चेतावनी संगठन को 40 गाड़ियां उपलब्ध कराई है। 600 ट्रेक्टर किराए पर लेने की स्वीकृति जारी की गई है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार से भी अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।
कटारिया ने अधिकारियों को प्रभावी सर्वे कर टिड्डी नियंत्रण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्र में पेस्टिसाइड्स उपलब्ध है। जहां भी पेस्टिसाइड्स की जरूरत हो वह तुरंत बताएं। वाहन, पेस्टिसाइड्स एवं अन्य संसाधनों के अभाव में कहीं भी टिड्डी अनियंत्रित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी टिड्डी चेतावनी संगठन के अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखें। साथ ही प्रगतिशील काश्तकारों का भी पूरा सहयोग लें।
प्रभावित क्षेत्र में 138 सर्वे टीम लगाई, 45 गाड़ियों से कीटनाशक स्प्रे
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि राज्य के गंगानगर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर एवं अजमेर जिले टिड्डी से प्रभावित है। विभागीय टीमें पूर्ण सजगता के साथ सर्वे कर प्रभावी टिड्डी नियंतर््ण कर रही है। प्रभावित क्षेत्र में 138 सर्वे टीम लगी हुई है। टिड्डी चेतावनी संगठन की ओर से 45 गाड़ियों के माध्यम से कीटनाशक स्प्रे का कार्य किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार से हवाई स्प्रे के लिए ड्रोन उपलब्ध कराने का आग्रह
कृषि आयुक्त ने बताया कि मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने केन्द्रीय कृषि सचिव को पत्र लिखकर सर्वे एवं कीटनाशक छिड़काव के लिए अतिरिक्त वाहन, हवाई स्प्रे के लिए ड्रोन तथा अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की ओर से सभी प्रभावित जिलों के कलक्टर को भी प्रभावी टिड्डी नियंत्रण के लिए पत्र लिखा जा रहा है।
टिड्डी दल पर कीटनाशक छिडकाव से किया प्रभावी नियंत्रण
जिले में टिड्डी दल पर कीटनाशकों का छिडकाव करके इस पर प्रभावी नियंत्रण किया गया। कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा ने बताया कि जिले में रविवार को टिड्डी दल का प्रवेश थांवला, पादूकंला आदि गांवो से हवा के प्रवाह के साथ देवनगर, बांसेली, कडेल में हुआ। इसके पश्चात् आंधी के कारण इसका फैलाव जेठाना, ब्यावर, रुपनगढ आदि क्षेत्रों में भी हुआ। टिड्डियों के नियंत्रण के लिए चलाए गए ऑपरेशन में लगभग 200 लीटर क्लोरपायरीफास दवा का उपयोग किया गया।
उन्होंने बताया कि ब्यावर क्षेत्र के फतेहगढ सल्ला गांव में लगभग 3 किमी. क्षेत्र में टिड्डीयो का ठहराव हुआ। इन पर जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा के निर्देशन में प्रशासन एवं विभाग की मुस्तैदी से प्रभावी नियंत्रण किया गया। प्रशासन एवं विभाग के अधिकारी सम्पूर्ण रात्रि टिड्डी दल प्रभावित क्षेत्र में मुस्तेद रहे। सोमवार सुबह साढे 4 बजे से टिड्डी नियंत्रण अभियान आरम्भ किया गया। यह अभियान सूर्योदय तक चला। इसमें 5 फायर ब्रिग्रेड, लगभग 10 टे्रक्टर माउंटेड स्प्रेयर, टिड्डी नियंत्रण दल की 8 गाडिया और कृषि विभाग के 15 दलों के द्वारा नियंत्रण किया गया। खेतो में फसले नहीं होने से टिड्डी दल का ठहराव मुख्यत देशी बबूल के पेडों पर हुआ।
उन्होंने बताया कि जेठाना क्षेत्र में लगभग 15 हैक्टयर क्षेत्र में छितराए हुए टिड्डी दल का प्रकोप देखा गया। टिड्डी नियंत्रण दल की एक गाडी, 5 ट्रेक्टर माउंटेड स्पे्रयर और कृषि विभाग के दलों द्वारा कीटनाशी दवा का छिडकाव किया गया। कीटनाशी दवा के प्रभाव से टिड्डियां तुरन्त मर गई। कुछ टिड्डियां अपनी क्षमतानुसार कुछ दूरी तक उडी और मरकर नीचे गिर गई।
उन्होंने बताया कि टिड्डी दल सूर्योदय के साथ उडना प्रारम्भ करता है। सूर्योस्त के समय एक स्थान पर बैठे जाता हैं। जिले के कृषको से आहवान किया जाता है कि सामूहिक रुप से टिड्डी नियंत्रण में योगदान दें। टिड्डी नियंत्रण के लिये क्लोरफायरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. 1200 एम.एल. अथवा डेल्टामेथ्रीन 2.8 ई.सी. 480 एम.एल. अथवा लेम्बडासायहेलाथ्रिन 5 प्रतिशत ई.सी. 400 एम.एल. प्रति हैक्टयर की दर से छिडकाव किया जा सकता हैं।
उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण ऑपरेशन में ब्यावर उपखण्ड अधिकारी जसमीत सिंह सन्धु, तहसीलदार ब्यावर रमेश चन्द्र, टिड्डी नियंत्रण दल के अधिकारी गोकुल चौधरी, जिला प्रशासन कृषि विभाग के सहायक निदेशक ब्यावर वी.के. छाजेड, सहायक निदेशक अजमेर कैलाश चन्द मेघवंशी, कृषि अधिकारी व क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक एवं स्थानीय ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग रहा। क्षेत्र के सरपंच शाहबुद्वीन, ब्यावरखास सरपंच हरचन्द द्वारा विभाग के प्रयासो की सहराना की गई।
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