जिला कलेक्टर ने दिए निर्देश, संभावित बाढ एवं आपदा से निपटने के लिए कार्ययोजना करें तैयार

अजमेर, राजस्थान



जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने समस्त विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बाढ़ एवं आपदा से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार कर समन्वय से उसे क्रियान्वित करें।


 


     जिला कलक्टर शर्मा मंगलवार को बाढ बचाव व्यवस्था एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के समय समस्त विभागों को एक ईकाई की तरह कार्य करना चाहिए। बाढ की संभावित आशंका को देखते हुए प्रत्येक स्तर पर पूर्ण तैयारी की जानी चाहिए। साथ ही समस्त उपकरणों की भली भांति जांच करके उन्हें दुरूस्त किया जाना चाहिए। बाढ की स्थिति में आवश्यक मानवीय एवं भौतिक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समस्त अभिकरण तुरन्त प्रभाव से सक्रिय हो जाए। समस्त विभाग अपने कार्याें के संबंध में मॉकड्रील को भी अंजाम देंगे।


 


     उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा स्थाई नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी। मानसून की समस्त गतिविधियों के संबंध में नियमित रूप से दैनिक जानकारी जिला कलक्टर को उपलब्ध करवाएंगे। साथ ही बाढ की आशंका की स्थिति में चेतावनी जारी करने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा।



     उन्होंने कहा कि जल भराव की घटना एवं बाढ की संभावना के समय पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था अपनायी जानी चाहिए। इस संबंध में निर्धारित तैयारियां पूर्व में ही कर लेनी चाहिए। आपदा की स्थिति में बचाव के लिए ऊंचे स्थानों तथा सुरक्षित भवनों का चिन्हिकरण कर लिया जाए। इस संबंध में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम कलेक्ट्रेट में स्थापित किया जाएगा। साथ ही उपखण्ड स्तर पर भी कंट्रोल रूम स्थापित होंगे।


 


     उन्होंने कहा कि जिले में जल संसाधन विभाग के समस्त 54 बांधों का मौका निरीक्षण किया जाए। जिले के समस्त बांधों एवं तालाबों पर स्थित चैनल गेटों में ग्रीसिंग व ऑयलिंग समय पर की जानी आवश्यक है। जल संसाधन विभाग द्वारा 15 जून तक बाढ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी। विभिन्न स्थानों का चिन्हीकरण कर खाली एवं भरे हुए मिट्टी के कट्टों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित होगी। बाढ की अग्रिम चेतावनी देने के लिए भी विभाग द्वारा कार्य किया जाएगा। प्रतिदिन वर्षा तथा बांधों के गेज की सूचना भी नियंत्रण कक्ष में दी जाएगी। जल भराव वाले समस्त स्थानों पर बचाव कार्य की योजना बनाकर एक सप्ताह में जिला मुख्यालय को भेजेंगे।



     उन्होंने कहा कि जिले के समस्त तैराकों एवं गोताखोरों की सूचना उपखण्ड अधिकारी के द्वारा तैयार कर जिला कलक्टर को उपलब्ध करवायी जाएगी। जल भराव के क्षेत्रों में निवासरत व्यक्तियों एवं पशुआें के अस्थायी स्थानान्तरण के संबंध में भी योजना बनायी जाए। उपखण्ड अधिकारी 15 जून से पूर्व समस्त चिकित्सालयों की जांच कर आपदा प्रबंधन की तैयारी की समीक्षा करेंगे। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा पाईप लाईनों के लीकेज की मरम्मत का कार्य 15 जून तक किया जाना आवश्यक है।


 


     उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों द्वारा समस्त नालों की सफाई मानसून के आने से पूर्व अंजाम दी जानी चाहिए। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निचली बस्तियों से ऊंचे स्थानों पर अस्थाई निवास के लिए धर्मशाला जैसे सार्वजनिक स्थलों का चिन्हीकरण किया जाएगा। इन स्थानों पर मूलभूत सुविधाओं की स्थानीय स्तर पर समीक्षा की जाएगी। जिले में आवश्यकतानुसार मडपम्प की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को मडपम्प की जांच कर सक्रिय रखने के लिए निर्देशित किया गया है।


 


     उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त एवं जीर्णक्षीर्ण भवनों को गिराने के लिए नोटिस जारी कर कार्यवही अमल में लायी जाएगी। समस्त राजकीय भवनाें की छतों पर से सफाई करवायी जाए। जिले की समस्त सड़कों में गड्डों की मरम्मत की जाएगी। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा जिले में विभिन्न स्थानों पर फ्लड गेज को दुरूस्त किया जाएगा। ऎसे स्थानों पर जंजीर भी लगायी जाएगी। बाढ के समय पशुओं में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाईयों एवं टीकों की पूर्ण व्यवस्था रखी जानी आवश्यक है। साथ ही बाढ प्रभावित क्षेत्र में चारे एवं पशु आहार की व्यवस्था भी रखी जाए। बाढ के कारण मृत पशुओं के निस्तारण को संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।


 


     उन्होंने कहा कि समस्त चिकित्सालयों में आपात स्थिति से निपटने के लिए बैड आरक्षित रखे जाने चाहिए। प्रत्येक चिकित्सा केन्द्र में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध करवायी जाए। समय-समय पर दूषित जल की रिपोर्ट तैयार कर जल के उपचार के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित किया जाए। चिकित्सा विभाग द्वारा वर्षाकाल में फैलने वाली बीमारियों पर नियंत्रण के लिए उचित मात्रा में दवाईयां एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। भारत संचार निगम के द्वारा नेटवर्क को अल्टरनेट रूट से भी बनाए रखने की व्यवस्था उपलब्ध करवायी जाएगी।


 


     उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग के द्वारा विभिन्न स्थानों पर लिकेज को ठीक किया जाएगा। रोड लाईटों एवं अन्य खम्बों पर आने वाले करंट एवं जल भराव की स्थिति में लाइन पानी में डूबने की स्थिति को पहले से ही ठीक किया जाए। बाढ की स्थिति में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित रखने के लिए पूर्व में तैयारी की जानी आवश्यक है। जिले के समस्त विद्युत ट्रांसफार्मरों को डीपी पर रखा जाना आवश्यक है। इनकी समय-समय पर जांच की जाए। विद्युत के खम्भों का निरीक्षण करने के साथ ही ढीले तारों को भी दुरस्त किया जाए।


 


     इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर कैलाशचंद शर्मा, नगर निगम आयुक्त चिन्मीय गोपाल, उपखण्ड अधिकारी अर्तिका शुक्ला, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरारी लाल वर्मा, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. जोधा, डॉ. बलराम बच्चानी तथा आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।


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