बदलेगी शक्ति सागर झील की तकदीर, होगा कायाकल्प

अजमेर, राजस्थान 


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की पालना में हो रही कार्यवाही


जिला कलक्टर ने ली बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश



     मसूदा उपखण्ड क्षेत्र में पानी के भराव के प्रमुख स्त्रोत रहे शक्ति सागर झील की तकदीर जल्द बदलने वाली है। झील के भराव एवं पानी की आवक क्षेत्र में एनीकट और खनन के कारण बने अवरोधों को हटाकर झील को गहरा किया जाएगा। इसके प्राचीन स्वरूप को वापस पुराने रूप में लाने के लिए जिला प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को झील के संरक्षण की कार्यवाही शुरू करने को कहा गया है।


 


     नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल द्वारा जारी आदेश की पालना में जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा ने आज कलेक्ट्रेट में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने भी बैठक में अपने सुझाव दिए।


 


     जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि शक्ति सागर झील को पुराने स्वरूप में लाने के लिए सभी संबंधित विभागों को पूरी गंभीरता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए है। झील के भराव एवं पानी की आवक के क्षेत्र में जितने भी एनीकट बने है उन सभी का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसी तरह क्षेत्र में खनन के कारण कई स्थानों पर बडे-बडे गड्ढे हो गए हैं, इन गड्ढों को भी भरकर पानी के बहाव को झील की ओर सुचारू किया जाएगा। झील क्षेत्र में वर्तमान में 29 गड्ढे तथा 40 एनीकट है। इनका अध्ययन किया जा रहा है।



     जिला कलक्टर ने खनन विभाग, जल संसाधन विभाग, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल तथा पुलिस उप अधीक्षक ब्यावर सर्किल को निर्देश दिए कि शक्ति सागर झील क्षेत्र का सघन निरीक्षण कर योजना तैयार करें। इससे संबंधित सभी पहलुओं पर विचार कर लिया जाए। विभाग अपने-अपने क्षेत्राधिकार से संबंधित विवरण भी तैयार करें।


 


     बैठक में मसूदा उपखण्ड अधिकारी मोहन लाल खटनावालिया, सहायक वन संरक्षक लोकेश शर्मा, वरिष्ठ खनिज अभियंता जे.के. गुरबक्षानी, खनिज अभियंता ब्यावर एस.के. शर्मा, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंताहे मन्त शर्मा, पुलिस उप अधीक्षक ब्यावर हीरा लाल सैनी एवं दीपक तंवर आदि उपस्थित रहे।


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