अजमेर : जिले में 2.14 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को मिला मनरेगा में रोजगार
अजमेर, राजस्थान
जिला कलक्टर ने किया औचक निरीक्षण
मनरेगा के कामों पर सोशल डिस्टेंसिंग व टास्क पूरा करने के निर्देश
लॉकडाउन के कारण सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना गांवों में रोजगार का पर्याय बन गई है। अजमेर जिले में बुधवार तक 2 लाख 14 हजार से ज्यादा ग्रामीणों को मनरेगा में काम दिया गया है। जिला कलक्टर ने इसे और ज्यादा बढाने के निर्देश दिए है।
जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा ने आज खरवा के पास रानीसागर तालाब की आव में चल रहे खुदाई कार्य का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कार्य पर नियोजित श्रमिकों से मुलाकात की और उनसे प्रदान की जा रही सुविधाओं, टास्क व भुगतान आदि की जानकारी ली। उन्होंने महिलाओं से कहा कि आप जिस तरह यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क आदि नियमों का पालन कर रही है उसी तरह जब आप घर जाए तो अपने परिवार और गांव के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
जिला कलक्टर ने पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अजमेर जिले में चल रहे सभी 3249 कामों पर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और दवाओं आदि का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही इन सभी कामों पर छाया, पानी, टास्क की पूर्ति व समय पर भुगतान का भी ध्यान रखें। ग्रामीणों को रोजगार के साथ ही उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी हम सब की जिम्मेदारी है।
जिला कलक्टर ने बताया कि अजमेर जिले में अब तक 325 में से 284 ग्राम पंचायतों में 3249 काम स्वीकृत किए जा चुके हैं। उनमें 2 लाख 14 हजार 891 श्रमिकों को नियोजित किया गया है। अरांई, भिनाय, जवाजा, केकडी, मसूदा, पीसांगन, सरवाड़, श्रीनगर और सिलोरा में काम चल रहे हैं। इस अवसर पर मसूदा उपखण्ड अधिकारी मोहन लाल खटनावलिया एवं जिला परिषद के अधिकारी उपस्थित थे।
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