यह कैसी छूट है - प्रेम आनंदकर
प्रेम आनंदकर अजमेर
यह कैसी छूट है ?
- सरकार ने तीन महीने तक लोन की किश्त, पानी व बिजली के बिल और स्कूली फीस जमा नहीं कराने की दी छूट
- सवाल यह है कि तीन महीने बाद चौथे महीने में एकसाथ कैसे चुकाएंगे चार महीने की किश्त, फीस व बिल
- सरकार तीन महीने की राशि एक साल में टुकड़ों में जमा कराने का करे निर्णय, तब तो मिले जनता को राहत
कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते सरकार ने आम-अवाम को तीन महीने तक बैंक लोन की किश्त, पानी व बिजली के बिल और बच्चों की स्कूल की फीस जमा नहीं कराने की छूट दी है। सरकार ने भले ही जनता को राहत देने के लिए यह निर्णय किया है, लेकिन यह जनता के लिए काफी नहीं है, क्योंकि सरकार ने अभी तक यह कहीं नहीं कहा है कि तीन महीने की यह राशि क्या एकसाथ जमा करानी होगी या टुकड़ों में। ऐसे में तीन महीने बीतते ही चौथे महीने में बैंक वाले लोन की किश्त, पानी व बिजली विभाग बकाया बिल और प्राइवेट स्कूल वाले चार महीने की फीस एकसाथ जमा कराने के लिए दबाव बनाएंगे। ऐसे में लोगों को बड़ी भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि लॉकडाउन के चलते मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों का काम-धंधा चौपट हो गया है। दिहाड़ी मजदूरों, प्राइवेट या दैनिक वेतनभोगी के रूप में नौकरी करने वालों, कारीगर-बेलदारों, हमाली करने वालों, फुटपाथ पर सामान बेचकर गुजर-बसर करने वालों के सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है। अब जबकि ऐसे लोगों को मौजूदा समय में ही पेट भरने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और उनके पास कुछ जमा पूंजी भी अब खत्म हो गई, तो वह लोग कैसे तीन महीने बाद चौथे महीने में एकसाथ बैंक लोन की किश्त, पानी व बिजली के बिल और बच्चों की स्कूल की फीस का चुकारा कर सकेंगे। ऐसे में सरकार को इन लोगों की परेशानियों को देखते हुए तीन महीने की बैंक लोन की किश्त, पानी व बिजली के बिल और स्कूल की फीस अगले कुछ महीनों या एक साल तक टुकड़ों में जमा कराने की छूट देने का फैसला करना चाहिए। सरकार को यह फैसला करने के साथ ही बैंकों को किसी भी ऋणी, जलदाय विभाग व विद्युत निगम को किसी भी उपभोक्ता और प्राइवेट स्कूल संचालकों को किसी भी अभिभावक पर एकमुश्त लोन की किश्त, पानी व बिजली के बिल और स्कूल की फीस जमा कराने का दबाव नहीं डालने के लिए पाबंद करना होगा। तभी लोगों को सही मायने में राहत मिल सकेगी।
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