कोटा शहर के आमजन को उत्पाती बंदरों व आवारा श्वानाें से बचाने के सक्रिय प्रयास - स्वायत्त शासन मंत्री
कोटा, राजस्थान
स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने बुधवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि कोटा शहर में सूअरों, श्वानों व बंदरों के आतंक से आमजन को बचाने के हर संभव प्रयास किये जायेंगे।
धारीवाल शून्यकाल में विधायक मदन दिलावर द्वारा इस संबंध में रखे गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि नगर निगम कोटा क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से शिकायत प्राप्त होने पर वर्ष 2017-18 में 2135 एवं वर्ष 2018-19 में भी 1747 उत्पाती बंदरों को पकड़ कर जंगल में छुड़वाया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 30 दिसंबर, 2019 को एक निविदा जारी की गई लेकिन एकल फर्म द्वारा वांछित राशि जमा नहीं कराने के कारण निविदा निरस्त कर दी गई। 31 जनवरी, 2020 को पुनः जारी निविदा में 487 रुपये प्रति बंदर पकड़ने की दर है, जबकि पूर्व में 380 प्रति बंदर थी। इसे नेगोशियेट किया जा रहा है।
उन्होंने इस संबंध में अपने लिखित वक्तव्य में बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 की निविदा दिनांक 30.12.2019 को जारी की गई किंतु एकल फर्म द्वारा अमानत राशि का वांछित डीडी जमा नहीं कराने के कारण निविदा को निरस्त कर दिया गया, तत्पश्चात दिनांक 20 जनवरी, 2020 को नई निविदा जारी की गई इसमें भी किसी भी संवेदक के भाग नहीं लेने पर नगर निगम द्वारा पुनः 31 जनवरी 2020 को निविदा जारी की गई । इस संबंध में प्राप्त निविदाओं का शीघ्र निस्तारण कर उत्पाती बंदरों को पकड़ने की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सूअरों को पकड़ने के लिए भी निविदा जारी की गई लेकिन कोई नहीं आया क्योंकि वाल्मीकि समाज के लोग सूअर पकड़ने का विरोध करते हैं। उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने की कार्यवाही के लिए कोटा एनिमल सोसायटी द्वारा उक्त कार्यवाही का विरोध किया गया। उन्होंने बताया कि माननीय न्यायालय द्वारा आवारा श्वानों को पकड़कर मानवीय तरीके से उनका बंधियाकरण एवं टीकाकरण कर पकड़े गए स्थान पर छोड़ने के आदेश दिए गए।
धारीवाल ने कहा कि चाहे बंदरों को पकड़ने की बात हो या सूअर को या फिर श्वानों पकड़ने कि इसमें दिक्कत बहुत आती है क्योंकि उनको पालने वाले लोग भी झगड़ा करते हैं। धारीवाल ने बताया कि नगर निगम कोटा द्वारा विभिन्न एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर कोटा शहर में आवारा श्वानों की संख्या पर नियंत्रित करने और उनको रेबीज बीमारी से रोग मुक्त रखने और पागल श्वानों को पकड़कर बहुउद्देशीय पशु स्वास्थ्य चिकित्सालय, मोखापाड़ा में पहुंचाने एवं एनिमल बर्थ कंट्रोल कार्यक्रम की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आवारा श्वानों का बंध्याकरण एवं टीकाकरण हेतु आवश्यक दवाइयां नगर निगम कोटा द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि आवारा श्वानों को पकड़ने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कुत्तों को पकड़ने के बाद बधियाकरण व टीकाकरण करने के बाद पकडे़ जाने वाले स्थान पर छोड़ने के फैसले का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इनके लिए 27 लाख का एक टेण्डर किया गया है जिसके अन्तर्गत आवारा कुत्तों के लिए कैनल बनाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि कोटा शहर में 57 आवारा कुत्तों का बधियाकरण एवं टीकाकरण करने के बाद पुनः पकडे़ गये स्थान पर छोड़ा गया है।
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