ई-कॉन्टेंट के साथ अपने शिक्षण को प्रभावी बनाएं शिक्षक - प्रो सिंह

अजमेर, राजस्थान।


ई-कॉन्टेंट के साथ अपने शिक्षण को प्रभावी बनाएं शिक्षक - प्रो सिंह
 




महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय स्थित मानव संसाधन विकास केन्द्र द्वारा आयोजित एक सप्ताह की कार्यशाला / शार्ट टर्म कोर्स : मैसिव ऑनलाइन ओपन कोर्सेज, ई-कॉन्टेंट डेवेलपमेंट व ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.पी. सिंह ने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के युग में शिक्षकों को इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट तैयार करके, मूडल जैसे अन्य प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने शिक्षण को और प्रभावी बनाना होगा। इन तकनीकी नवाचारों से शिक्षकों के अध्यापन व शोध में अद्यतन जानकारी के साथ ही विभिन्न सामग्री, वीडियो से आकर्षण व प्रभाव में वृद्धि होगी, जिससे सीखने की इच्छा में वृद्धि होगी।



कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ अश्विनी तिवारी ने रिपोर्ट प्रस्तुत की, कि डॉ पुनीत गुप्ता, मनिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर, डॉ संजय कटारिया, बेनेट विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, डॉ श्रीराम पांडेय, बी. एच. यू., वाराणसी, डॉ विनीत कुमार, बी. आर. ए. केन्द्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ, डॉ भरत चौधरी, पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, गांधीनगर के द्वारा मूडल, कैनवास, गूगल क्लास रूम, कैनवा, डिजिटल लाइसेंस, ओपन निःशुल्क शैक्षणिक स्त्रोतों, चमिलिओ क्लाउड बेस्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म, एन्टी-प्लगिरिसम, भारत सरकार के स्वयं पोर्टल की व्यापक, प्रायोगिक जानकारी प्रदान की गई; कर्नाटक, उड़ीसा, महाराष्ट्र, राजस्थान के सभी 26 प्रतिभागियों ने अपने लैपटॉप, टैब पर विभिन्न ऑनलाइन प्रोग्राम सीखे। प्रतिभागियों ने अपने फीडबैक में व्यक्त किया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सफ़ल रहा क्योंकि सैद्धान्तिक के स्थान पर वास्तविक प्रायोगिक ऑनलाइन कोर्स बनाना, मूल्यांकन करना, विभिन्न स्रोतों से सामग्री प्राप्त करना सिखाया गया, जिसके लिए इंटरनेट व पर्याप्त विद्युत व्यवस्था, तकनीकी अपेक्षा भी उपलब्ध करवाई गई। केन्द्र के निदेशक प्रो. शिवदयाल सिंह ने ऐसे तकनीकी परिमार्जित कोर्स की सफलता का श्रेय योग्य रिसोर्स पर्सन व सीखने की लालसा लिए हुए निरन्तर उपस्थित प्रतिभागियों को दिया। श्रीमती संगीता बेनीवाल, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग राजस्थान व कुलपति प्रो आर पी सिंह के द्वारा सभी प्रतिभागियों को फ़ोटो, बार कोड युक्त प्रमाणपत्र, ग्रुप फ़ोटो व सामग्री की डी. वी. डी. प्रदान कीं।विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो अरविन्द पारीक के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। 



Comments