महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में आज सिंधु शोध पीठ सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई
अजमेर, राजस्थान।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में आज सिंधु शोध पीठ सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई
बैठक में सन 2020 में सिंधु शोध पीठ द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के प्रस्ताव व क्रियान्वयन की रूपरेखा पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह ने कहा कि देश का उत्थान, समाज से व समाज का उत्थान उसकी भाषा से होता है इसलिये सिंधी भाषा के बिना सिंधु सभ्यता का अध्ययन सम्भव नही है। कुलपति ने कहा की सिंधुशोध पीठ में अध्ययन अध्यापन व शोध की अपार संभावनाएं हैं। प्रोफेसर सिंह ने सिंधु सभ्यता से जुड़े विद्धवजनों से आग्रह किया की सिंधु साहित्य सिंधु, महापुरूषों के ग्रंथ उनकी जीवनी विश्वविद्यालय शोध पीठ को उपलब्ध कराएं ताकि विश्वविद्यालय उसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर स्वाभिमानी सिन्धुवासियों से अन्य समाज को भी प्रेरणा मिले। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के विद्वानों की। प्रो सिंह ये कहा कि विश्वविद्यालय सिंधु संभ्यता व सिंधी भाषा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी जिसमें देश के ख्यातनाम विषय विशेषग्यो को आमंत्रित किया जाएगा। पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि विश्वविद्यालय में सिंधी भाषाई सर्टिफिकेट व एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए जाएं तथा इसके अध्यापन हेतु योग्य शिक्षको की व्यवस्था की जानी चाहिये। देवनानी यह भी प्रस्ताव दिया कि शोध पीठ द्वारा शहिद हेमू कालानी दिवस, दाहिरसेन दिवस, नमामि सिंधु, व सिंधी दिवस मनाया जाए जिसे सर्वसम्मति से मान लिया गया।
बैठक में निम्न प्रस्ताव पारित किए गए।
सिंधु शोध पीठ की प्रतिमाह बैठक आयोजित होगी ।
अजमेर में पंजीकृत सिंधी संगठनों के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल किए जाएंगे।
आगामी 23 फरवरी को मातृभाषा दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में सिंधु सभ्यता विषय पर वाद विवाद व निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। तथा विजेता प्रतिभागियों को। उसी दिन आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा। सभी सदस्यों ने इस बात पर सहमति प्रकट की विश्वविद्यालय में स्थिति शोध पीठ व समाज के मध्य आपसी सामंजस्य बढा कर मातृभाषा की सेवा की जाएगी।
बैठक विधायक वासुदेव देवनानी, प्रोफेसर शिवप्रसाद, डॉक्टर प्रताप पिंजानि, डॉ सुरेश बबलानी, डॉक्टर परमेश्वरी पमनानी ,डॉक्टर दीपिका उपाध्याय, कंवल प्रकाश किशनानी ,डॉक्टर कमला गोकलानी, महेंद्र तीर्थाणी, कांता मधुरानी, सविता खुराना, रमेश कुमार होतवानी, प्रो. मीना आसमानी तथा शोध पीठ की निदेशिका प्रोफेसर लक्ष्मी ठाकुर ने अंत मे धन्यवाद ज्ञापित किया।
उक्त जानकारी डॉ राजू शर्मा मीडिया प्रभारी द्वारा दी गई।
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