क्या होता है एश वेडनसडे (राख़ का बुधवार) व क्यों इस दिन को मनाया जाता है - रेव फादर एफ डब्ल्यू फिलिप
क्या होता है एश वेडनसडे (राख़ का बुधवार)
क्यों इस दिन को मनाया जाता है ?
ईसाइयों के चालीस दिन के उपवास का प्रथम दिवस - एश वेडनसडे (राख़ का बुधवार)
रेव. फादर एफ डब्ल्यू फिलिप, सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च अजमेर
कल (26 फरवरी 2020) एश वेडनसडे (राख़ का बुधवार) है l इसी क्रम में कल ईसाई समाज एश वेडनसडे (राख़ का बुधवार) मनाएगा l एश वेडनसडे (राख़ का बुधवार) से तात्पर्य यह है कि इस दिन से मसीह समाज के 40 दिन के उपवास (Lent Days) प्रार्थना सहित शुरू हो जाते है l जिसमे इस दिन सभी चर्च में आराधना होती व इसके बाद प्रतिदिन (रविवार के अलावा) विश्वासीजनो के घर में संध्याकाल की आराधना होती है l यह प्राचीन काल की कलीसिया के द्वारा निर्धारित किया हुआ कार्यक्रम है जिसको आज पूरा मसीह समाज फॉलो करता है l एश वेडनसडे को लगभग 4 बीसी में शुरू किया गया था l उपवासकाल के दिन त्याग के दिन है, आराधना व प्रार्थना करने के दिन है l त्याग से मतलब है की मनुष्य सांसारिक बातों का त्याग करें और आध्यात्मिक (यीशु की बातो पर) बातों की तरफ ध्यान लगाए l प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह की तरफ ध्यान लगाए और प्रार्थना करें l विशेष रूप से अन्य लोगों के लिए भी प्रार्थना करें, जो दुखी हैं, मुसीबत में है, बीमार हैं, जिनकी परिस्थितियां खराब चल रही है, जिनकी आर्थिक हालात खराब चल रही हैं, उनके लिए प्रार्थना करें की उनकी ज़िन्दगी में सब कुछ अच्छा हो जाए व सब कुछ ठीक हो जाए l उनकी ज़िन्दगी में कोई समस्या न रहे, कोई तकलीफ व परेशानी ना रहे l
उपवास काल के 40 दिन बहुत पवित्र दिन होते है l प्राचीनकाल की कलीसिया जब 40 दिन के उपवास करती थी तो इन दिनो में वह उपवास के साथ प्रार्थना करते थे, आराधना करते थे, भूखो को खाना खिलाते थे, बीमारों की सेवा करते थे और संसारिक कार्यो का त्याग करते थे और प्रयास करते थे की उनसे ऐसा कोई गलत काम न होवे जिससे प्रभु परमेश्वर की महिमा को ठोकर पहुचे l
40 दिन के उपवासकाल (Lent Days) के दौरान (पुनरुत्थान रविवार) आखिरी से पहले वाले रविवार को पाम सन्डे (खजूर का रविवार) मनाया जाता है जिसमे ईसाई समाज के लोग खजूर की डालियाँ हाथ में लेकर जुलुस निकालते है l प्राचीनकाल की कलीसियाएं भी ठीक ऐसा ही करती थी l पाम सन्डे के जुलुस के बाद खजूर की डालियों को 1 वर्ष तक उसे संभाल कर रख़ लिया जाता था और उसके सूखने के बाद उसको जलाया जाता था और अगले वर्ष के एश वेडनसडे पर उसकी राख को शारीर के ऊपर लगाया जाता था l राख को शारीर पर लगाने से मतलब है की यह नम्र और दीन बनने का प्रतिक है और यह यहूदियों की परम्परा व उनकी प्रथा थी की वह अपने आप को नम्र व दीन दर्शाने के लिए अपने शारीर के ऊपर राख लगाते थे l
पाम सन्डे (खजूर का रविवार) के बाद सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन चर्च में संध्याकालीन आराधना होती है तथा गुड फ्राईडे के दिन विशेष रूप से दोपहर 12 से 3 बजे तक चर्च में आराधना होती है क्योकि इस दिन जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह ने सम्पूर्ण मानवजाति के पापो व उनके छुटकारे के लिए अपनी जान दी थी l फिर रविवार के दिन जिसको पुनरुत्थान का रविवार (एस्टर सन्डे) भी कहा जाता है l इस दिन सभी चर्च में विशेष आराधना होती है क्योकि इस दिन जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह मृतको में से जी उठे थे l
पवित्र बाइबिल
देखो, वह (यीशु) बादलों के साथ आने वाला है; और हर एक आंख उसे देखेगी, वरन जिन्हों ने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे l प्रकाशितवाक्य 1:7
..... और फिर एक और पुस्तक खोली गई, अर्थात जीवन की पुस्तक; और जैसे उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, उन के कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया। प्रकाशितवाक्य 20:12
देख, मैं (यीशु) शीघ्र आने वाला हूं; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है। प्रकाशितवाक्य 22:12
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