ख्वाजा गरीब नवाज के 808 वे उर्स  की अनौपचारिक शुरुआत

अजमेर, राजस्थान।



ख्वाजा गरीब नवाज के 808 वे उर्स  की अनौपचारिक शुरुआत


आज झंडे की रस्म के साथ शुरू, गौरी परिवार ने झंडे की रस्म को किया अदा


अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज का सलाना 808 वे उर्स की अनौपचारिक शुरुआत झंडे की रस्म के साथ शुरू हो गई । भीलवाड़ा शहर के लाल मोहम्मद गौरी का परिवार ने ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित ऐतिहासिक बुलंद दरवाजे पर झंडे की रस्म को अदा किया... वहीं गरीब नवाज के उर्स की विधिवत शुरुआत रजब का चाँद दिखाई देने के बाद से शुरू हो जायगी ! 



 झंडे का जुलुस असर की नमाज के बाद गरीब नवाज गैस्ट हाउस से रवाना हुआ जिसमे शाही चोकी के कव्वाल असरार हुसैन कव्वालियों व बैंड बाजो के जुलुस के साथ लंगरखाना गली, निजाम गेट होते हुए जुलुस दरगाह के मुख्य द्वार निजाम गेट से अंदर प्रवेश किया इस रस्म के दौरान अकीदतमंदों में एक अजीब सी होड़ मच गई और अपनी मन्नत को लेकर हर कोई झंडे को चूमने की खाव्हिस पूरी करता नजर आया...



भीलवाड़ा से आये गौरी परिवार के अनुसार यह परम्परा काफी अरसे से चली आ रही है 1928 से फखरुद्दीन गौरी के पीरो मुर्शिद अब्दुल सत्तार बादशाह झंडे की रस्म अदा करते थे ! इसके बाद 1944 से उनके दादा लाल मोहम्मद गौरी को यह जिम्मेदारी सौपी गयी उनके इंतकाल के बाद 1991 से पुत्र मोईनुद्दीन गौरी यह रस्म निभाने लगे और वर्ष 2007 से फखरुद्दीन इस रस्म को अदा कर रहे है बताया जाता है की वर्षो पहले झंडे की रस्मशुरू हुई तब बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया गया झंडा आस-पास के गांवो तक नजर आता था ! उस वक्त मकान  छोटे - छोटे और बुलंद दरवाजा काफी दूर से नजर आता था ! इस दरवाजे पर झंडा देखकर ही लोग समझ जाते थे की पांच दिन बाद गरीब नवाज का उर्स शुरू होने वाला है यह सन्देश एक से दूसरे तक दूर- दूर तक पहुँच जाता था । 


वर्षो पुरानी इसी रस्म को निभाते हुए आज गरीब नवाज की दरगाह के बुलन्द दरवाजे पर भीलवाड़ा के गौरी परिवार ने झंडा चढ़ाकर उर्स की अनोपचारिक शुरुआत की... झंडे की रस्म में हजारों की संख्या में जायरीनों की भीड़ उमडी । 



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