दिल्ली हिंसा में बेगुनाह मृतक हेड कॉन्स्टेबल के मासूम बच्चे पूछ रहे हैं अपने पिता का कसूर
उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा में सोमवार को बेकसूर हवलदार रतन लाल बे-मौत मारे गये। पति के शहीद होने की खबर सुनते ही पत्नी पूनम बेहोश हो गईं, जबकि खबर सुनकर घर के बाहर जुटी भीड़ को चुपचाप देख रही मृतक के बच्चे भीगी आंखों से दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से सवाल कर रहे थे की आखिर हमारे पापा का कसूर क्या था?
रतन लाल दिल्ली पुलिस में हवलदार के पद पर तैनात थे, जिनको उपद्रवियों ने सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली की हुई हिंसा में मार डाला। रतन लाल मूलत: राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर तिहावली गांव के रहने वाले थे। सन 1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। साल 2004 में जयपुर की रहने वाली पूनम से उनका विवाह हुआ था। घटना की खबर जैसे ही दिल्ली के बुराड़ी गांव की अमृत विहार कालोनी स्थित रतन लाल के मकान पर पहुंची, तो पत्नी बेहोश हो गईं। बच्चे बिलख कर रोने लगे। बुराड़ी गांव में कोहराम मच गया।
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