राष्ट्रपति ने दी नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी

तीन देशों के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देगा नया कानून



नागरिकता संशोधन बिल संसद से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस पर अपना हस्ताक्षर कर दिया हैl गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल अब कानून बन चुका हैl इससे पहले बुधवार को राज्‍यसभा में और सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल को मतविभाजन के बाद पास कर दिया गया थाl


बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका स्‍वागत किया था और सहयोग करने वाले सांसदों को धन्यवाद दिया थाl पीएम मोदी ने इस बिल को भारत के इतिहास में मील का पत्‍थर बताया थाl



इस बिल में तय प्रावधानों के मुताबिक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का नियम हैl


इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं उन्हें पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगीl अभी तक यह समयसीमा 11 साल की थीl


कानून के मुताबिक ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानून प्रवासी के रूप में पाए जाने पर लगाए गए मुकदमों से भी माफी दी जाएगीl कानून के अनुसार, यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगाl


ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैंl इसके साथ ही यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा विनियमन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (आईएलपी) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगाl आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम में लागू हैl


 


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