क्रिसमस तथा आगमन काल (एडवेंट सीज़न) का महत्व – प्रीतेश जॉन
क्रिसमस तथा आगमन काल (एडवेंट सीज़न) का महत्व – प्रीतेश जॉन
क्रिसमस का नाम सुनते ही ना केवल मसीह समाज परन्तु हर कोई उत्साहित हो जाता है। हर किसी के जहन में संता क्लॉज, क्रिसमस ट्री, केक इत्यादि की छवि बन जाती है। किन्तु क्रिसमस का असली मतलब तथा एडवेंट सीज़न का मतलब शायद ही कुछ लोगो को ज्ञात हो।
एडवेंट सीज़न का आगाज़ क्रिसमस के चार रविवार पूर्व होता है। एडवेंट शब्द लैटिन भाषा के शब्द "एडवेंटस" से आया है जिसका मतलब होता है "आगमन"। यह वो समय होता है जब कि मसीह समाज के लोग प्रभु यीशु मसीह के आगमन की तयारी करते है, ना केवल उनके मानव रूप में जन्म के आगमन की परन्तु राजा के रूप में द्वितीय आगमन की तयारी भी करते है।
ईस्ट स्ट्रौटबरग यूनिवर्सिटी के भूतपूर्व प्रोफेसर फिलिप कुछ इस तरह से लिखते है, "मसीह लोग प्रभु यीशु मसीह के तीन आगमन को मानते है। प्रथम, मानव रूप में बेथलेहेम में जन्म। दूसरा, प्रतिदिन के जीवन में उनके हृदय में जन्म तथा अंत में प्रभु यीशु का महिमा में द्वितीय आगमन।" तो इस तरह से मसीह समाज के लोग अपने अपने जीवन को तैयार करते है प्रभु यीशु के आगमन के लिए। कई लोग इस दौरान उपवास प्रार्थना करते है तथा प्रार्थना सभाएं आयोजित करते है।
एडवेंट सीज़न के बाद आता है क्रिसमस का त्योहार। क्रिसमस मुख्यत प्रभु यीशु के जन्म की याद है। बाइबिल की पुस्तक यहुन्ना के 3 अध्याय के 16 वे पद में इस तरह लिखा है कि "परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उसपर विश्वास करे वो नाश ना हो परन्तु अनंत जीवन पाए।" बाइबिल के कुछ ऐसे ही वचन मसीह लोगो को परमेश्वर के मानवजाति के प्रति प्रेम को याद दिलाते है तथा प्रभु यीशु के आगमन के उद्देश्य को बतलाते है, कि प्रभु यीशु मसीह का आगमन सम्पूर्ण मानवजाति के पापों को अपने ऊपर लेकर के उन्हें क्षमा प्रदान कर मानव का परमेश्वर से मेल करना है। परमेश्वर का यही प्रेम तथा अनुग्रह मसीह लोगो को उत्साहित करता है कि वो भी इस आचरण को अपनाए।
मुख्यत क्रिसमस का यही संदेश है कि जिस तरह से प्रभु यीशु सम्पूर्ण मानवजाति को पाप से बचाने के लिए मानव रूप में आए तथा अपना बलिदान दिया उसी प्रकार हर एक मानव पापों की क्षमा ग्रहण कर प्रेम भाईचारे तथा दूसरों के लिए बलिदान को अपनाए।
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